4 बजे राजभवन में होगा शपथ ग्रहण समारोह, मंत्रियों के विभागों में हो सकता है भारी फेरबदल
गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara), हरीश चौधरी (Harish Choudhary) और रघु शर्मा (Raghu Sharma) की जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी है.
Jaipur: प्रदेश में मिशन 2023 के मद्देनजर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की नई मंत्री परिषद में दलित एसटी और मुस्लिम चेहरों पर बड़ा दांव खेला गया है. सरकार के 11 कैबिनेट और 4 नए राज्यमंत्री आज शपथ लेंगे. 4 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा. इसमें पायलट खेमे से 4 मंत्री बने हैं. 3 राज्यमंत्रियों को प्रमोटकर कैबिनेट मंत्री बनाया है और मंत्री परिषद में तीन महिलाओं को जगह दी गई है.
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दरअसल मास्टर भंवरलाल मेघवाल (Master Bhanwarlal Meghwal) के निधन के बाद गहलोत सरकार में कोई दलित कैबिनेट मंत्री नहीं था. मास्टर भंवरलाल मेघवाल की जगह दो दलित राज्य मंत्रियों को प्रमोट किया है. गोविंद मेघवाल को कैबिनेटमंत्री बनाया गया है. गोविंद मेघवाल वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में संसदीय सचिव रह चुके हैं. बाद में वे बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए. इसके अलावा टीकाराम जूली ममता भूपेश और भजनलाल जाटव को भी कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी. मुस्लिम चेहरे के तौर पर साले मोहम्मद पहले से कैबिनेट मंत्री के पद पर थे, अब उनके साथ जाहिदा को राज्यमंत्री तौर के तौर पर जिम्मेदारी दी जा रही हैं. जाहिदा खान (Zahida Khan) पहले संसदीय सचिव रह चुकी हैं. आदिवासी चेहरों के तौर पर महेंद्रजीत मालवीय को मंत्री बनाया है. मालवीय पहले भी मंत्री रह चुके हैं और मालवीय की पत्नी जिला प्रमुख हैं. गुर्जर चेहरे के तौर पर शकुंतला रावत को मंत्री बनाया है. कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के लिहाज से गुर्जर चेहरों को मौका मिलने की पूरी संभावना थी.
गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara), हरीश चौधरी (Harish Choudhary) और रघु शर्मा (Raghu Sharma) की जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी है. दो जाट और एक ब्राह्मण चेहरे को मौका दिया है. डोटासरा और हरीश चौधरी की जगह जाट चेहरों के तौर पररामलाल जाट, बृजेंद्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी को मौका दिया है, जबकि रघु शर्मा की जगह महेश जोशी को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया है.
हेमाराम, रामलाल जाट और ओला पहले भी गहलोत के साथ मंत्री रह चुके हैं. महेश जोशी गहलोत (Mahesh Joshi Gehlot) के शुरू से ही बहुत नजदीक माने जाते हैं और अभी सरकारी मुख्य सचेतक हैं. टॉयलेट कैंप की बात करें तो हेमाराम चौधरी, बृजेन्द्र ओला, मुरारीलाल मीणा और रमेश मीणा को जगह मिली है, जबकि रमेश मीणा के साथविश्वेन्द्र सिंह की भी बर्खास्तगी के बाद वापसी हो गई है.
बसपा (BSP) से कांग्रेस (Congress) में आने वालों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राज्य मंत्री बनाया है. बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायक दावेदारी कर रहे थे लेकिन बाकी पांच को संसदीय सचिव बनाकर और राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट किया जा सकता है. वहीं, जिन विधायकों को अभी मंत्री परिषद में जगह नहीं मिल पाई है. उनके लिए अभी भी उम्मीद बाकी है कि मंत्री मंडल के शपथ ग्रहण के बाद साथ मुख्यमंत्री सलाहकार और 15 संसदीय सचिव भी बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री के सलाहकारों में वरिष्ठ विधायकों और 15 संसदीय सचिवों में बसपा से आने वाली और निर्दलीय विधायकों को एडजस्ट किया जाएगा. इसके अलावा आने वाले समय में बोर्ड कॉरपोरेशन और निगमों में भी विधायकों को जगह दी जाएगी.
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अभी पहले फेज में केवल इन तीन मंत्रियों को ही ड्रॉप किया जाएगा. आज शाम 4 बजे शपथ ग्रहण समारोह होगा. दोपहर 2 बजे सभी मंत्रियों को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय (Congress Headquarters) पर बुलाया गया है, वहां से सभी राजभवन जाएंगे. मंत्री बनने वाले नए विधायकों को कल रात ही फोन करके सूचना दे दी गई थी. शनिवार शाम को सीएम निवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों से इस्तीफे लिए गए, जिन मंत्रियों को हटाया है, केवल उन्हीं 3 के इस्तीफे स्वीकार किए गए हैं.
मंत्रियों के विभागों में भारी फेरबदल होना तय माना जा रहा है. कुछ मंत्रियों को छोड़ ज्यादातर के विभाग बदले जाएंगे. मंत्रियों के विभाग भी कांग्रेस हाईकमान के स्तर पर ही तय होकर आए हैं, जिनके बारे में फैसला शपथ ग्रहण समारोह के बाद होगा. 10 जिलों से आने वाले विधायक मंत्रिपरिषद में शामिल होंगे लेकिन अभी भी कई जिलों की आस अधूरी रह गई है. इनमें अजमेर, उदयपुर, सीकर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सिरोही, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर खाली हाथ हैं.
कुल 15 मंत्री बनेंगे
11 कैबिनेट मंत्री : हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेशमीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद मेघवाल, शकुंतला रावत.
4 राज्यमंत्री: जाहिदा, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढा और मुरारीलाल मीणा