Jaipur: राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को लंपी रोग पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की टिप्पणी पर भड़के विपक्ष ने चर्चा के दौरान जमकर हंगामा किया. विपक्ष के हंगामे से नाराज हुए सभापति राजेंद्र पारीक ने विपक्ष को मर्यादा में रहने की नसीहत दे डाली.


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सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा कि पूरा प्रदेश आपको देख रहा है. उनको पता चल रहा है कि आप गायों को लेकर कितने गंभीर हैं, सबको पता चल रहा है कि आप इस मामले में राजनीति कर रहे हैं. मुझे खेद है कि आप इस गंभीर विषय पर भी कितने असंवेदनशील हैं. राजेंद्र पारीक ने कहा कि सदन में 200 सदस्य हैं. सदन से अच्छा संदेश प्रदेश को देना चाहिए लेकिन चर्चा में गंभीरता नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का रवैया रहा तो वो चर्चा को समाप्त करके मंत्री को जवाब के लिए बुला लेंगे.


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निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि विपक्ष के लोग गहलोत सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लेकिन उन्हें यह सोचना चाहिए कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार गायों को लेकर गंभीर है. गायों का अनुदान बढ़ाया गया. गो निदेशालय बनाया गया. उन्होंने कहा कि शर्म तो केंद्र की मोदी सरकार को आना चाहिए जिन्होंने 2014 में सरकार में आने के बाद बीफ निर्यात में महारत हासिल की है और डॉलर कमाने के लिए कत्लखाने खोल दिए.


कत्ल खानों में काम आने वाले मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है. लोढ़ा के इतना कहते ही विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. संयम लोढ़ा ने कहा कि गहलोत सरकार ने एमएलए फंड को 5 करोड़ करने का काम किया है, उसमें से कई विधायकों ने लंपी के लिए फंड दिया लेकिन जिस तरह से राजस्थान की जनता ने 25 सांसद जिताकर केंद्र को भेजे, उनमें से एक भी सांसद ने एमपी कोटे से एक रुपया भी नहीं दिया है, क्या यह शर्म की बात नहीं है जिस पर भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.


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संयम लोढ़ा ने कहा कि राजस्थान में अब तक बीजेपी के सांसदों ने 80 लाख रुपए की अनुशंसा की है लेकिन आज तक पशुपालन विभाग को एक रुपया तक नहीं मिला है. यह हमारे 25 सांसदों के लिए डूब मरने वाली बात है. हम मांग करते हैं कि 25 सांसदों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एमपी फंड से पशुओं के लिए फंड देने की मांग करनी चाहिए.


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