इस साल प्रदेश में जमकर बरसे बदरा, पश्चिमी राजस्थान में टूटा सालों का रिकॉर्ड
इस साल जुलाई के महीने में बारिश का 66 सालों का रिकॉर्ड टूटा तो वहीं अगस्त के महीने में भी मानसून जमकर मेहरबान रहा. हालांकि सितम्बर के महीने में मानसून इतना सक्रिय नहीं रहा जितना जुलाई और अगस्त में महीने में रहा.
JAIPUR: देश में इस साल मानसून ने समय से पहले दस्तक देते हुए झमाझम बारिश के संकेत दिए थे, लेकिन इस मानसून को राजस्थान में आते आते थोड़ा वक्त लगा. इस साल प्रदेश में मानसून ने अपनी नियत तिथि से करीब एक सप्ताह की देरी के साथ 30 जून को दस्तक दी. मानसून ने दस्तक देने के साथ ही इस साल जोरदार बारिश की संकेत भी दिए. इस साल जुलाई के महीने में मानसून जो बरसा तो मानो कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ने के मूड में नजर आ रहा था.
इस साल जुलाई के महीने में बारिश का 66 सालों का रिकॉर्ड टूटा तो वहीं अगस्त के महीने में भी मानसून जमकर मेहरबान रहा. हालांकि सितम्बर के महीने में मानसून इतना सक्रिय नहीं रहा जितना जुलाई और अगस्त में महीने में रहा. 30 जून को प्रदेश में मानसून ने दस्तक दीऔर पूरे 90 दिनों तक प्रदेश में मेहरबान रहने के बाद 1 अक्टूबर को मानसून ने राजस्थान से विदाई ली.
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37 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज
मानसून की दस्तक के साथ ही इस साल झमाझम बारिश का जो दौर चला वो करीब जुलाई और अगस्त में महीने में करीब 60 दिनों तक दर्ज किया गया. इसके साथ ही सितम्बर के महीने में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही कहीं कहीं झमाझम बारिश ने भी लोगों को राहत दी. इस साल राजस्थान की अगर बात की जाए तो राजस्थान में औसत के मुकाबले 37 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई.
इस साल प्रदेश में जमकर रही मानसून की मेहरबानी
- पूरे 90 दिनों की मेहरबानी के बाद विदा हुआ मानसून
-औसत के मुकाबले इस साल 37 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज
-राजस्थान में इस साल 595.9 एमएम बारिश की गई दर्ज
-जबकि राजस्थान में औसत बारिश का आंकड़ा 435.6 एमएम
-ईस्ट राजस्थान में 780.7MM,तो वेस्ट राजस्थान में 448.9 एमएम बारिश दर्ज
- ईस्ट राजस्थान में औसत से 25 फीसदी ज्यादा बारिश
-तो वेस्ट राजस्थान औसत से 58 फीसदी ज्यादा बारिश की गई दर्ज
मानसून इन इस साल राजस्थान में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया.इस साल मानसून पूरे राजस्थान पर जमकर मेहरबान रहा. 33 जिलों में से 31 जिलों में इस साल औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई. सिर्फ झुंझनूं और करौली ही मानसून की इस मेहरबानी से महरूम रहे. पश्चिमी राजस्थान के हर जिले में औसत से करीब करीब दो गुनी बारिश दर्ज की गई.इस साल वेस्ट राजस्थान में सबसे ज्यादा श्रीगंगानगर और जैसलमेर में औसत से 96 फीसदी तक ज्यादा बारिश दर्ज की गई.तो ईस्ट राजस्थान में कोटा में औसत से 57 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई.
इस साल पूरे प्रदेश में जमकर मेहरबान रहा मानसून
33 में से 31 जिलों में झमाझम बारिश की गई दर्ज
सबसे ज्यादा श्रीगंगानगर,जैसलमेर में औसत से 96 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज
सिर्फ झुंझुनूं और करौली में ही औसत से कम बारिश की गई दर्ज
पश्चिमी राजस्थान में इस साल सभी जिलों में झमाझम बारिश दर्ज
पश्चिमी राजस्थान के 7 जिलों में औसत से 50 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज
प्रदेश में इस साल पूर्वी राजस्थान के जिलों में औसत से ज्यादा बारिश
अजमेर 25 फीसदी ज्यादा,अलवर और बांसवाड़ा में 13 फीसदी ज्यादा,बारां 26 फीसदी ज्यादा,भरतपुर 5 फीसदी ज्यादा, बूंदी 43 फीसदी ज्यादा,चित्तौड़गढ़ 8 फीसदी ज्यादा, दौसा 32 फीसदी ज्यादा, धौलपुर 19 फीसदी ज्यादा, डूंगरपुर 17 फीसदी ज्यादा, जयपुर 24 फीसदी ज्यादा, झालावाड़ 49 फीसदी ज्यादा, कोटा 57 फीसदी ज्यादा, प्रतापगढ़ 24 फीसदी, राजसमंद 15 फीसदी ज्यादा, सवाई माधोपुर 13 फीसदी ज्यादा, सीकर 20 फीसदी ज्यादा, सिरोही 23 फीसदी ज्यादा, टोंक 42 फीसदी ज्यादा, उदयपुर 44 फीसदी ज्यादा बारिश हुई.
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पश्चिमी राजस्थान में भी इस साल जमकर बरसे बादल
बाड़मेर 75 फीसदी ज्यादा, बीकानेर 77 फीसदी ज्यादा, चूरू 52 फीसदी ज्यादा, हनुमानगढ़ 25 फीसदी ज्यादा, जैसलमेर 96 फीसदी ज्यादा, जालोर 50 फीसदी ज्यादा, जोधपुर 56 फीसदी ज्यादा, नागौर 38 फीसदी ज्यादा, पाली 10 फीसदी ज्यादा, श्रीगंगानगर में 96 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई.