वो 6 दिन जब स्त्री-पुरुष नहीं बनाने चाहिए संबंध वरना कुल का हो जाता है विनाश
Dharma : हिंदू धर्मशास्त्रों में कुछ विशेष दिनों को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अहम माना जाता है और इन दिनों घर में स्त्री पुरुष को दान पुण्य और पूजा अर्चना में खुद को व्यस्त रखना चाहिए. ये वो दिन हैं जब किसी तरह के संबंध नहीं बनाने चाहिए.
Dharma : हिंदू धर्मशास्त्रों में कुछ विशेष दिनों को धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अहम माना जाता है और इन दिनों घर में स्त्री पुरुष को दान पुण्य और पूजा अर्चना में खुद को व्यस्त रखना चाहिए. ये वो दिन हैं जब किसी तरह के संबंध नहीं बनाने चाहिए.
पूर्णिमा या अमावस्या तिथि पर ना बनाएं संबंध
शास्त्रों में जिक्र मिलता है कि किसी भी माह की पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाने चाहिए और एक दूसरे से दूर रहना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन पर सुखमय नहीं रहता है. इन दोनों ही दिनों में नकारात्मक शक्तियां हावी होती है ऐसे में संबंध बनाने से होने वाली संतान के साथ ही पति पत्नी की बीच रिश्ते और संतान पर भी असर पड़ता है.
चतुर्थी और अष्टमी तिथि पर ना बनाएं संबंध
पुराणों के अनुसार माह के चतुर्थी और अष्टमी तिथि में भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए. ऐसा होने पर संतान और करियर पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है और कई तरह की परेशानी आती है.
श्राद्ध पक्ष पर ना बनाएं संबंध
15 दिनों तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष में पति-पत्नी को आपसी संबंध बनाने के बारे में सोचना भी नहीं है.ये समय दान पुण्य का होता है. इस समय बनाए गए शारीरिक संबंध से पितर नाराज होते हैं और घर की सुख-शांति खत्म हो जाती है.
नवरात्रि पर ना बनाएं संबंध
नवरात्रि के नौ दिन मां के नौ स्वरूपों की पूजा के पवित्र दिन होते हैं. शास्त्रों में नवरात्रि में महिला और पुरुष के बीच शारीरिक संबंध बनाना निषेध बताया गया है. ऐसा होने पर मां दुर्गा नाराज हो जाती है.
संक्रांति पर ना बनाएं संबंध
सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इसे शास्त्रों में संक्रांति कहते हैं. इस दिन स्नान, ध्यान और दान करने का विशेष महत्व है. इसलिए इस तिथि पर महिला और पुरुष के बीच नजदीकी होने से घर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
उपवास के दिन ना बनाएं संबंध
जब स्त्री या पुरुष में से कोई भी उपवास पर हो तो उस दिन भी शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.