Jaipur News: PHED में दो बार विवादों के बीच डीपीसी जरूर हुई, लेकिन अभी विवाद थमा नहीं है. क्योंकि जलदाय महकमे में ऐसे दागियों को चीफ इंजीनियर बनाया,जिनके ठिकानों पर ईडी और एसीबी ने पिछली सरकार में रेड मारी थी. पदमचंद और महेश मित्तल के फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में ईडी ने केडी गुप्ता के ठिकानों पर छापे मारे,लेकिन अब उन्हें कंफर्म चीफ इंजीनियर को तोहफा मिला. वहीं पिछली सरकार में एडिशनल चीफ इंजीनियर महेश जांगिड़ की गाडी से एसीबी ने 8 लाख रुपए नकद बरामद किए थे. इसके अलावा देवराज सोलंकी और हुकुमचंद वर्मा को भी चीफ इंजीनियर बनाया गया है.


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देवराज सौलंकी 5 साल से चीफ इंजीनियर की रेस में चल रहे थे. पिछली डीपीसी में हुकुमचंद वर्मा और देवराज सौलंकी के बीच भी प्रमोशन को लेकर विवाद हुआ था. ऐसे में जलदाय महकमे में 4 नए चीफ इंजीनियर बनाए गए,अब विभाग में सीई की संख्या 7 से बढ़कर 11 हो गई है. एसीबी ने बहुत से इंजीनियर्स की अभियोजन स्वीकृति भी मांग रखी है.

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इतने पदों पर की गई डीपीसी-
जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने पहले कहा था कि पिछली सरकार में बढ़ाए हुए पदों का रिव्यू होगा,उसके बाद नए पदों पर डीपीसी होगी. लेकिन बिना रिव्यू के ही नए पदों पर भी डीपीसी हुई. विभाग में 4 चीफ इंजीनियर 21 एडिशनल चीफ इंजीनियर,43 अधीक्षण अभियंता, 118 एक्सईएन के पदों पर प्रमोशन हुए. 76 एईएन के पदों को खत्म कर उच्च पदों पर डीपीसी हुई. जलदाय मंत्री का कहना है कि जल जीवन मिशन के बाद फिर से विभाग में पदों का रिव्यू किया जाएगा, यदि पद घटाए जाने हो तो वो भी किया जाएगा.


चार्जशीट से पहले प्रमोशन का तोहफा
अधीक्षण अभियंता पारितोष गुप्ता,एक्सईएन और पूर्व जलदाय मंत्री के ओएसडी संजय अग्रवाल के ठिकानों पर भी भ्रष्टाचार को लेकर ईडी ने रेड मारी थी.लेकिन दोनों को प्रमोशन का तोहफा मिल गया.वहीं शाहपुरा,दूदू,सीकर,झुन्झुनू,उदयपुर,बासंवाडा घोटाले में इंजीनियर्स को चार्जशीट थमाने की बजाय प्रमोशन का तोहफा मिल गया,ताकि दागियों को पहले प्रमोशन का लाभ मिल जाए.चीफ इंजीनियर प्रशासन ने 51 दागियों में लिस्ट एडिशनल चीफ इंजीनियर को भेजी थी,लेकिन उन्हें चार्जशीट नहीं दी गई.पहले ही प्रमोशन का लाभ मिल गया.