Jaipur: प्री-पैक्ड और प्री-लेबल गेहूं, चावल और दालों पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव का देशव्यापी विरोध शुरू गया है. राजस्थान के कारोबारी भी विरोध कर रहे हैं. 


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भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने जीएसटी काउन्सिल के फैसले का विरोध करते हुए देशव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की है. हड़ताल का अंतिम फैसला 11 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित होने वाली बैठक में किया जाएगा. केंद्र सरकार के वर्तमान आदेशों के अनुसार 18 जुलाई से जीएसटी की नई दर लागू कर दी जाएगी.


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भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामावतार अग्रवाल और डॉ. मनोज मोररका का कहना है कि फिलहाल कोरोना काल से छोटे छोटे तथा माध्यम वर्गीय व्यापारी तथा उद्योग अभी उभर भी नहीं पाया है. ऐसे में यहां नया जीएसटी कर लगाना व्यापार को पीछे धकेलने का काम होगा. आम आदमी सीधे तौर पर प्रभावित होगा, वहीं छोटे उद्यमी जो अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर थे उनको भी मजबूरन इन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ेगा. कृषि और आम जरूरत से जुड़े कई उत्पादों पर जीएसटी बढ़ाई गई है, यह निर्णय भी महंगाई बढ़ाने वाला होगा.


रिटेल व्यापारियों को भी आंदोलन से जोड़ने की तैयारी 
केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में देशभर में 7300 मंडियां, 13 हजार दाल मिल, 9600 चावल मिलों और 8 हजार आटा मिलों को बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है. इसमें राजस्थान की 247 कृषि उपज मंडियां, 300 आटा मिले और 150 चावल मिलें विरोध में शामिल होंगी. इसके अलावा देशभर की 30 लाख चक्कियां और 3 करोड़ रिटेल व्यापारियों को भी आंदोलन से जोड़ने की तैयारी है.


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