राजस्थान में ट्रांसजेंडर सुरक्षा सेल के गठन पर लगी मुहर, 6 लोग होंगे शामिल
प्रकोष्ठ में एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस उपनिरीक्षक, दो कांस्टेबल के अतिरिक्त संविदा आधार पर एक कॉउंसलर अथवा मनोविज्ञानी परामर्शदाता और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित कुल 6 व्यक्ति नियोजित किए जाएंगे.
Jaipur: राज्य सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों के संरक्षण के प्रति संवेदनशील है तथा प्रदेश में इन ऊभयलिंगी व्यक्तियों के लिए सुरक्षा एवं न्याय का बेहतर माहौल बनाने के लिए कृतसंकल्प है. इस क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ (सेल) के गठन का निर्णय लिया है.
उन्होंने इसके लिए वित्त विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. राज्य के पुलिस महानिदेशक कार्यालय में यह ट्रांसजेंडर सुरक्षा प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा. प्रकोष्ठ में एक पुलिस निरीक्षक, एक पुलिस उपनिरीक्षक, दो कांस्टेबल के अतिरिक्त संविदा आधार पर एक कॉउंसलर अथवा मनोविज्ञानी परामर्शदाता और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर सहित कुल 6 व्यक्ति नियोजित किए जाएंगे.
इस सेल में गैर-शासकीय सदस्य के रूप में ट्रांसजेंडर समुदाय के एक प्रतिनिधि को आवश्यकता होने पर बैठक के लिए अवैतनिक सदस्य के रूप में आमंत्रित किया जा सकेगा. नवसृजित पद आदेश जारी होने की तिथि से फरवरी, 2022 तक के लिए अस्थाई रूप से प्रभावी रहेंगे.
ट्रांसजेंडरों के अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम 2019 के तहत गठित इस सेल का मुख्य कार्य ट्रांसजेंडर (ऊभयलिंगी) व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण एवं उनको सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ राज्य स्तरीय ट्रांसजेंडर न्याय बोर्ड और जिला ट्रांसजेंडर न्याय समितियों के बीच समन्वय करना होगा. यह प्रकोष्ठ ट्रांसजेंडर के विरूद्ध अपराधों की रोकथाम, निगरानी तथा इससे जुड़े मामलों को समय पर पंजीकृत कर जांच और अभियोजन सुनिश्चित करने का काम करेगा.
अशोक गहलोत का यह निर्णय ट्रांसजेंडर समुदाय के विरूद्ध अपराधों को नियंत्रित करने तथा उनके सशक्तीकरण की दिशा में बड़ी पहल साबित होगा.