Rajasthan Election 2023: बीजेपी में प्रत्याशियों की पहली और दूसरी सूची जारी होने के बाद शुरू हुआ असंतोष लगातार जारी है. दूसरी सूची में सांगानेर विधायक अशोक लाहौटी का टिकट कटा तो वैश्य समाज ने आक्रोश जताया.


अशोक लाहोटी को टिकट नहीं मिलने पर वैश्य समाज में आक्रोश


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हमेशा बीजेपी के पक्ष में रहने वाला वैश्य समाज पहली बार भाजपा के खिलाफ दिखाई दिया. वैश्य समाज की ओर से टिकट काटने का विरोध जताते हुए शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर आक्रोश जताया और लोग धरने पर बैठ गए.


मरूधरा के महासमर में बीजेपी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी की दूसरी सूची में सांगानेर सीट से विधायक अशोक लाहौटी का टिकट काट दिया. इसके बाद लाहौटी समर्थकों ने बीजेपी कार्यालय पर प्रदर्शन किया.


बीजेपी कार्यालय पर प्रदर्शन


इस पर भी कोई असर नहीं हुआ तो शहर का वैश्य समाज लाहाैटी के पक्ष में लामबंद हो गया. वैश्य समाज के लोग शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में एकत्रित होकर आज भाजपा मुख्यलय पहुंचे और विरोध दर्ज कराया. वैश्य समाज की मांग है कि भाजपा या तो प्रत्याशी चयन पर पुनर्विचार करें और अगर टिकट नहीं बदला जाता है तो किस जयपुर की अन्य सीट पर एरजेस्ट किया जाए. वैश्य समाज ने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं होने पर समाज भाजपा का चुनाव में विरोध करेगा.


टिकट नहीं वोट नहीं - वैश्य समाज लाहाैटी


अग्रवाल समाज के नेता और बीजेपी के पूर्व प्रदेश मंत्री ध्रुवदास अग्रवाल ने कहा कि प्रदर्शन करने वाला वैश्य समाज बीजेपी का परंपरागत वोट बैंक रहा है , 85 फीसदी से ज्यादा वैश्य समाज बीजेपी को ही वोट करता है, लेकिन पार्टी ने जिस तरह से समाज के युवा नेता को दरकिनार किया है. उसे समाज में बड़ी नाराजगी है. बीजेपी लगातार वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व कम करते आ रही है.


अशाेक लाहौटी और कोटपूतली से मुकेश गोयल का टिकट काटा 


पहले वर्ष 2008 में बीजेपी ने 16 वैश्य प्रत्याशियों को टिकट दिया. इसके बाद इनकी संख्या 15 कर दी, अगले चुनाव में 13 वैश्यों को प्रत्याशी बनाया. इसके बाद इस साल 11 प्रत्याशियों को टिकट दिए गए हैं. इनमें भी अशाेक लाहौटी और कोटपूतली से मुकेश गोयल का टिकट काटा गया है. अभी 76 की लिस्ट और आने वाली है, जिसमें और टिकट गए तो वैश्य समाज के प्रत्याशियों का प्रतिनिधित्व दस से भी कम हो जाएगा.


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माहेश्वरी समाज के श्रीकृष्ण राठी, संजय माहेश्वरी व अन्य ने कहा कि अशोक लाहोटी समाज के एक युवा और लोकप्रिय नेता है यूनिवर्सिटी से लेकर उन्होंने विधानसभा तक चुनाव लड़े हैं और जीत हासिल की है. समाज के साथ अन्य समाज का भी उनका बड़ा समर्थन है.


ऐसे लोकप्रिय और मौजूदा विधायक का टिकट काटना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पार्टी को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए नहीं, तो यह वैश्य समाज " टिकट नहीं तो वोट नहीं " के नारे के साथ चुनावी मैदान में अपना विरोध दर्ज कराएगा.



पुनर्विचार नहीं तो अन्य जगह एरजेस्ट करें- वैश्य समाज



विरोध दर्ज कराने आए लोगों ने कहा कि पार्टी को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना ही पड़ेगा. वैश्य समाज देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी अहम भूमिका निभाता है और यह समाज हमेशा से ही बीजेपी का वोट बैंक रहा है, लेकिन जिस तरह से पार्टी ने वैश्य समाज के नेताओं को टिकट वितरण में नजरअंदाज किया है, उससे समाज में भारी आक्रोश है. लाहौटी को दूसरी सीट से एडजस्ट करना चाहिए.


समझाइश की कोशिश - ओंकार सिंह लखावत


बीजेपी के पूर्व सांसद तथा चुनाव प्रबंधन कमेटी के सहसंयोजक ओंकार सिंह लखावत ने बाहर आकर प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की. लखावत ने कहा कि वैश्य समाज पार्टी के साथ लम्बे समय से जुड़ा हुआ है. इनकी बात सुनी है और कहा कि उनकी बात आला नेताओं तक पहुंचा दी जाएगी.


टिकट पर पुनर्विचार के सवाल पर लखावत ने कहा कि यह काम पार्टी नेताओं का है. वहीं ध्रुवदास अग्रवाल ने भी कहा कि ओंकार सिंह लखावत से बात हुई है, उन्होंने हमारी बात ऊपर तक पहुंचाने की बात कही है. हम प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी से मिलकर अपनी बात रखेंगे.