Vastu Tips : अपना आशियाना बनाते समय हम हमेशा एक एक चीज का ध्यान रखते हैं. घर के वास्तु पर ध्यान तो देते हैं लेकिन कभी कभी बाथरूम की दिशा के अलावा इस बात का ध्यान नहीं रखते कि बाथरूम के अंदर पानी का स्त्रोत और निकासी की दिशा क्या होनी चाहिए. अगर आप वास्तु शास्त्र के इन नियमों का पालन करेंगे तो फिर आपको जल्द ही शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे.


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घर के बाथरूम की सफाई के साथ ही बाथरूम में पानी के स्त्रोत की दिशा और निकासी वास्तुशास्त्र में बेहद महत्वपूर्ण बताई गयी है. यहां की गयी एक भी गलती आपको परेशानी में डाल सकती है. अगर पानी का स्त्रोत या निकासी गलत दिशा में हो तो फिर ये घर और परिवार के सभी सदस्यों पर गलत प्रभाव डालती है.


वास्तुशास्त्र के अनुसार बाथरूम में लगा गीजर हमेशा आग्रेय कोण पर होना चाहिए. वहीं नहाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला बाथ टब भी उत्तर या ईशान कोण में रखा जाना चाहिए. पानी की निकासी की दिशा हमेशा उत्तर दिशा की तरफ होनी चाहिए.


वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि बाथरूम में पानी का टपकना शुभ नहीं माना जा सकता है. हमेशा नहाने के बाद पानी के नल या शावर को ठीक से बंद करें. अगर पानी फिर भी टपकता हो तो उसे दुरुस्त करायें. ऐसा नहीं करने पर आर्थिक समस्याओं का सामना आपको करना पड़ सकता है.


याद रखें पानी का संबंध चंद्रमा से बताया गया है. अगर आपके बाथरूम में पानी बेकार में बहता रहता है. नल या पाइप से पानी टपकता रहता है. तो इसे दुरुस्त करा लें. ऐसे घरों में धन की हानि रहती है. आप चाहें जितना भी कमा लें. ऐसा धन रूकता नहीं है.


(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है, जिसकी ZeeMedia पुष्टि नहीं करता है )


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