Jaipur News: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने आपातकाल की बरसी पर इसे लोकतंत्र का गला घोटने वाली स्थिति करार दिया. देवनानी ने कहा कि उस दौरान के 19 महीने तक लाखों लोग जेल में बंद रहे. आज भी इस घटना को याद करने से लगता है कि हम सभी को मिलकर लोकतंत्र को मजबूत करने की पहल करनी चाहिए. 


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देश में आपातकाल की बरसी पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए कि आपातकाल जैसी घटना दुबारा से कभी न हो सके. स्पीकर ने कहा कि इसके लिए सभी को संकल्प लेना होगा.. और पक्ष-विपक्ष छोडकर संविधान की मजबूती के लिये प्रयास करने होंगे. देवनानी ने कहा कि भविष्य में लोकतंत्र के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी न हो, इसकी व्यवस्था संविधान में दी हुई है.



देवनानी ने कहा कि संविधान हमारा मार्ग दर्शक है. संविधान से हमारा लोकतंत्र मजबूत है. संविधान के तहत सभी काम होने चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारें आती हैं, जाती हैं. राजनीतिक दल भी आते और जाते रहेंगे, लेकिन राष्ट्र प्रमुख होना चाहिए, संविधान का सम्मान होना चाहिए. देवनानी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिये हम सभी को संकल्प लेना चाहिए.


उधर सरकारी मुख्य सचेतक और आपातकाल में मीसा बंदी के रूप में गिरफ्तार हुए जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि आपातकाल के हालात भयावह थे. जिसे चाहा उसे पकड़ा... जिसे चाहा उसे बंद कर दिया की स्थिति थी. वे अपने समय को याद करके बताते हैं कि उन्हें आगजनी और देश विरोधी नारों के आरोप में पकड़ा गया. लेकिन जब कोर्ट में गवाही हुई तो पुलिस अधिकारी ने? कहा कि इनके हाथ में मशाल थी और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. सुनिये क्या कहा जोगेश्वर गर्ग ने?



देश में फिर कभी आपातकाल के हालात ना बने यह सभी चाहते हैं और इसके लिए सभी पक्षों की अपनी बात है. बीजेपी कहती है कि कांग्रेस अब कमज़ोर हो गई है, इसलिए आपातकाल नहीं लगेगा.


उधर कांग्रेस का कहना है कि देश की जनता ने लोकसभा चुनाव में विपक्ष को मजबूत किया है और संविधान संशोधन को लेकर बीजेपी की जो मंशा चुनाव से पहले दिख रही थी. उप पर पाबन्दी लगाने के लिए ही जनता ने कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों को मजबूत किया है.


विधानसभा स्पीकर देवनानी ने कहा कि देश में अनेक संस्थाए इस दिन को मना रही हैं. राज्य सरकार ने भी लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया है. उन्होंने कहा कि उन लोंगो ने उस वक्त देश के लिये, संविधान के लिये और राष्ट्र की एकता के लिये प्रयास किये, संघर्ष किया, आज उनका सम्मान किया जा रहा है.