Gajendra Singh Shekhawat Viral Video: सत्ता की कुर्सी सबको चाहिए, चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी. कांग्रेस जहां महंगाई राहत शिविर और जन घोषणाओं के सहारे सत्ता में रिपीट होने का सपना देख रही है, वहीं बीजेपी भी किसी भी कीमत पर कुर्सी हासिल करना चाह रही है. बीजेपी राज के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ईआरसीपी (ERCP) के लिए 46 हजार करोड़ तक देने के लिए तैयार हैं.


ईआरसीपी भी बना दूंगा, थोड़ाे सो और जोर लगाओ 


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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री(Gajendra Singh Shekhawat ) का एक वीडियो वायरल(Viral Video) हो रहा है जिसमें वो कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि ईआरसीपी भी बना दूंगा, थोड़ाे सो और जोर लगाओ आप लोग. आगे गजेंद्र सिंह ने कहा कि ईआरसीपी के लिए 46 हजार करोड़ दे दूंगा, तुम राजेंद्र सिंहजी (बीजेपी) का राज बनो दो. गजेंद्र सिंह के इस बयान पर आगे चल रहे नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ हंस पड़े.



दरअसल यह वाक्या रविववार को सवाई माधोपुर में सामने आया. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सवाई माधाेपुर में प्रबुद्धजन सम्मेलन को सम्बोधित करने पहुंचे थे. इस दौरान एक कार्यकर्ता ने ईआरपीसी को लेकर शेखावत से कहा कि ईआरपीसी दे देंगे तो सत्ता आ जाएगी.


ईआरसीपी के लिए 46 हजार करोड़ रुपए का प्रलोभन


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. बीजेपी नेता लगातार महंगाई राहत कैम्प तथा घोषणाओं को लेकर मुख्यमंत्र अशोक गहलोत व कांग्रेस सरकार पर चुनावी साल में रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाती आ रही है. ऐसे में अब गजेंद्र सिंह शेखावत के इस वीडियो वायरल पर कहा जा रहा है कि चुनाव में राज हासिल करने के लिए केंद्रीय मंत्री ईआरसीपी के लिए 46 हजार करोड़ रुपए का प्रलोभन देने के लिए तैयार हैं.


ईआरसीपी परियाेजना पूर्वी राजस्थान के लिए महत्चपूर्ण योजना


ईआरसीपी परियाेजना पूर्वी राजस्थान के लिए महत्चपूर्ण योजना है, जो पीने के पानी और सिंचाई के लिए 14 जिलों को प्रभावित कर रही है. मुख्यमंत्री अशोक लगातार पीएम नरेंद्र मोदी से इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग करते रहे हैं. इतना ही नहीं वो खुद राजस्थान सरकार के स्तर पर भी इस परियोजना को शुरू करने की बात कह चुके हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेता राज्य सरकार पर परियोजना का संशोधित प्लान मांग रही है.


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कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि चुनावी साल है इसमें दोनों ही राजनीतिक जल राज हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं और जनता को उसके फायदे की गोलियां भी देने से नहीं चूक रहे हैं.