viratnagar News, Jaipur : जयपुर के विराटनगर में वैसे तो सरकार ने प्रागपुरा थाने को अपग्रेड कर सीआई थाना बना दिया, लेकिन पावटा उपखण्ड की आर्थिक राजधानी पावटा में खोली गई पुलिस चौकी महज पुलिस रिकार्ड में दर्ज होकर रह गई है.


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पावटा चौकी के लिए एक एएसआई, 4 पुरुष और एक महिला कंस्टेबल का जाब्ता लगाया था. गत दो महिनों से महज एक एएसआई के भरोसे ये चौकी चल रही है. रात या सुबह कोई फरियादी यहां आता है तो यहां कार्यरत एएसआई किसी राजकीय या निजी काम से बाहर होते हैं और फरियादी वापस चला जाता है.


या फिर फरियादी जो भी प्रागपुरा थाने पर जाता है तो उसे पावटा पुलिस चौकी पर भेज दिया जाता है. कस्बे में बनी चौकी सिर्फ नाम कि चौकी है जहां स्टाफ के नाम पर कुछ भी नहीं है. कस्बे में करीब 10 बैक एटीएम है और बड़ा व्यापार होने के कारण दर्जनो गांवों से ग्रामीण सामान लेने या बैकों मे लेनदेन करने आते है और लूट का शिकार होते हैं.


प्रागपुरा से पुलिस आती है तब तक वारदात करने वाले भागने में सफल होते है. पुलिस व्यवस्था महज नाम मात्र की होने के चलते यहा आए दिन आपराधिक घटना होती रहती है. कस्बे समेत क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था के लिए पूरा स्टाफ होना जरूरी है.


वरिष्ठ भाजपा नेता कुलदीप धनखड, पावटा प्रधान प्रतिनिधी जगन चौधरी, बिशन सिंहा सहित कई नगर पालिका पार्षदों ने बताया कि कस्बे की जनसंखया को देखते हुए यहां स्टाफ पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए. पुलिस के आला अधिकारिय को कस्बे की शान्ति व्यवस्था को देखते हुए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए.


कस्बे में सरेआम दो बार या एक बार टसकोला में हथियारों के बल पर लूट की घटना हो चुकी है. फिर भी पुलिस की संख्या नहीं बढ़ा कर उल्टा चौकी का स्टाफ विहीन कर दिया. क्षेत्र में यहां कई बार दुर्घटनाए होती है, जिसमें  पुलिस लम्बे इन्तजार के बाद मौके पर पहुंचती है.


भाजपा नेत्री रतना कुमारी ने कहा कि कुछ महीनों में यहा अपराधों की तादात बड़ी घटना भी बड़ी अपराधी आमजन की जान पर खेल रहे है. इधर पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि पुलिस के पास कई काम रहने के कारण यहां से स्टाफ हटाया नहीं गया बल्कि स्टाफ को अन्य राजकीय कार्यो में लगाया गया है.


रिपोर्टर- अमित यादव 


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