जयपुर: ईआरसीपी को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से दिए बयान पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पलटवार किया है. विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर दिया गया बयान निदंनीय है. सीएम अशोक गहलोत का ERCP के लिए कमिटमेंट ही है जिसके कारण 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कार्य ERCP में करवा दिए हैं एवं 2022-23 के बजट में 9,600 करोड़ रुपये राज्य के बजट से जारी किए गए हैं. ERCP की DPR तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2017 में केन्द्र सरकार के उपक्रम वेप्कोस लिमिटेड के माध्यम के तैयार करवाई गई थी.


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वेप्कोस लिमिटेड जल सम्बधी परियोजना के क्षेत्र में एक अंतरर्राष्ट्रीय कन्सलटेन्सी संस्था है. परियोजना की DPR उस समय राजस्थान रिवर बेसिन ऑथिरिटी के चैयरमेन श्रीराम वेदिरे की देखरेख में बनाई गयी थी.वर्तमान में श्रीराम वेदिरे केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय में सलाहकार भी हैं.गजेन्द्र सिंह शेखावत को अपने सलाहकार से पूछना चाहिए कि उनकी DPR सही है या नहीं.


गजेन्द्र सिंह शेखावत को जानकारी होनी चाहिए कि इस परियोजना की DPR राजस्थान-मध्य प्रदेश अनतर्राज्यीय निंयत्रण मंडल की 13वीं बैठक जो 25 अगस्त 2005 को हुई थी, के निर्णय के अनुसार ही बनाई गई है इसलिए इस परियोजना के लिए मध्य प्रदेश की अनापत्ति (NOC) अपेक्षित नहीं है.


जनता के लिए काम कर रही गहलोत सरकार 
मेरे स्वयं के जिले भरतपुर एवं पूर्वी राजस्थान के 13 जिले झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक की जनता गजेन्द्र सिंह शेखावत की इन बातों को अच्छे से सुन रही है. मैं गजेन्द्र सिंह शेखावत को बताना चाहूंगा कि भरतपुर में चंबल का पानी भी अशोक गहलोत की सरकार में आया था और अब ERCP को भी अशोक गहलोत की सरकार ही पूरा करेगी.आज राजस्थान का भरतपुर संभाग विधानसभा में पूरी तरह से भाजपा मुक्त है और आने वाले चुनाव में ERCP पर झूठ बोलने वाली भाजपा को जवाब देने के लिए इसी तरह भाजपा मुक्त रहेगा.