राजस्थान में क्या हो रहा है समान नागरिकता का उल्लंघन? 2400 शिक्षकों के समायोजन पर फंसा पेंच
Rajasthan: राजस्थान के पांच जिलों में हमेशा के लिए तबादला मांग खत्म करने की तैयारी है. नॉन टीएसपी के शिक्षकों के समायोजन की मांग उठ रही है. टीएसपी क्षेत्र डूंगरपूर,बांसवाडा,प्रतापगढ़,उदयपुर,चितौडगढ़ के जिलों में कार्यरत नॉन टीएसपी शिक्षकों का नाम नहीं हो रहा वरीयता सूची में नाम शामिल.
Rajasthan: राजस्थान में नई भर्ती से पूर्व शिक्षकों का समायोजन करने की मांग है.जो कार्मिक 2014 से पूर्व टीएसपी क्षेत्र में सेवारत थे उन कार्मिकों से इस आशय का विकल्प लिया गया की आप टीएसपी क्षेत्र से बाहर सेवा देना चाहते हो या टीएसपी क्षेत्र में जिन कार्मिकों ने टीएसपी क्षेत्र से बाहर सामान्य जिलों में सेवा देने का विकल्प प्रस्तुत किया.
उन कार्मिकों के स्थान पर वैकल्पिक कार्मिकों के आ जाने तक उन कार्मिकों को टीएसपी क्षेत्र में अपनी सेवा देनी थी, इसके बाद टीएसपी क्षेत्र के लिए पृथक से भर्तियां होने लगी.
10 हजार शिक्षको की भर्तियां हो चुकी
टीएसपी क्षेत्र में 2014 से आज तक तृतीय श्रेणी और द्वितीय श्रेणी शिक्षको के लिए पृथक से आज तक लगभग 10 हजार शिक्षको की भर्तियां हो चुकी है. लेकिन आज तक टीएसपी क्षेत्र से सामान्य जिलों में सेवा देने वाले कार्मिकों का आज तक विकल्प के आधार पर समायोजन नहीं हुआ है. 2016 के पश्चात समय समय पर टीएसपी क्षेत्र का विस्तार होने के साथ ही इन कर्मिकों की संख्या अब लगभग 2400 के करीब है.
अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि सरकार से वार्ता में डीओपी सचिव के प्रसंज्ञान कार्मिकों के साथ भेदभाव कर रही है.
नई भर्ती से पूर्व इन कार्मिकों को वहां से हटाकर समायोजन करना चाहिए. नई शिक्षा भर्ती होने के बाद अन्य जिलों में पद भर जाएंगे. ऐसे में सरकार को टीएसपी सहित प्रतिबंधित जिलों और समस्त तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले शीघ्र करने चाहिए. अन्यथा नई भर्ती के बाद आगामी वर्षों में पद भरने स्थानांतरण नहीं हो पायेंगे, जब सभी विभागों के कार्मिकों को( शिक्षा विभाग के अलावा)का समायोजन कर दिया गया तो शिक्षकों को वंचित क्यों रखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें- CM Ashok Gehlot: सीएम अशोक गहलोत ने चित्तौड़गढ़ को दिया बड़ा तोहफा,इन कार्यों का किया लोकार्पण