Public Provident Fund account : पीपीएफ पर अभी 7.1% की दर से ब्याज मिल रहा है. लेकिन, PPF अकाउंट से विड्रॉल के नियम थोड़े अलग हैं. अगर किसी निवेशक को खाता बंद करना हो तो उसके लिए अलग नियम हैं. लेकिन, अगर किसी अकाउंट होल्डर की मैच्योरिटी से पहले मौत हो जाए तो पीपीएफ अकाउंट का क्या होता है ? ये जानना जरूरी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अगर पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी से पहले अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है, तो उसका नॉमिनी पैसा निकाल सकता है. ऐसे हालात में अकाउंट को 5 साल पूरी होने की शर्त भी खारिज हो ही जाती है. अकाउंट होल्डर की मौत के बाद उसके पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट को बंद कर दिया जाता है. नॉमिनी या फिर कानूनी रूप से उत्तराधिकारी को पैसा दे दिया जाता है. 


पीपीएफ अकाउंट होल्डर अपने, पति या पत्नी और बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने जैसी स्थिति में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाल भी सकता है. वहीं, खुद की पढ़ाई या बच्चों की उच्च शिक्षा के मामले में भी पीपीएफ अकाउंट से मैच्योरिटी से पहले पैसा निकाला जा सकता है. अकाउंट होल्डर के प्रवासी हो जाने पर खाते को मैच्योरिटी से पहले बंद किया जा सकता है. अकाउंट को ओपनिंग डेट से ठीक 5 साल पूरे होने के बाद बंद कराया जा सकता है. हालांकि, इस दौरान खाता खुलने की तारीख से 1% ब्याज की कटौती की जाएगी.


पीपीएफ अकाउंट को कोई भी भारतीय नागरिक खुलवा सकता है. इसके लिए उसे प्रूफ लगाना होगा. अकाउंट को नाबालिग के नाम पर भी खोला जा सकता है. पीपीएफ  पर ब्याज दर सरकार तय करती है और सरकारी स्कीम होने की वजह से सरकारी गारंटी भी मिलती है. ब्याज में बदलाव तिमाही आधार पर किया जाता है. फिलहाल, पीपीएफ  पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. हालांकि, ब्याज की गणना सालाना की जाती है. पीपीएफ  में 500 रुपए के निवेश से शुरुआत की जा सकती है और एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए डालने की छूट है.


अपने जिले की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें.