Jaipur News : राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह चिकित्सालय में मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन सरकार और रेजिडेंट डॉक्टर जिद्द पर अड़कर आमने सामने हो गए हैं. सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज स्थित रेजिडेंट डॉक्टर हॉस्टल से रेजिडेंट डॉक्टर मशाल जुलूस निकाल कर अपना रोष प्रकट किया.


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इसके पहले हॉस्टल में बॉण्ड रूपी रावण का दहन किया गया. जार्ड अध्यक्ष डॉ. नीरज डामोर का कहना है की रेजिडेंट डॉक्टर्स कि एक ही मांग है कि बांड व्यवस्था को समाप्त किया जाए, जिससे पढ़ाई कर रहे छात्रों को राहत मिले. सरकार जब तक बॉण्ड व्यवस्था को समाप्त नहीं करती है, या इसमें बड़ी शिथिलता नहीं देती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.अगर सरकार ने जल्द ही रेजिडेंट डॉक्टर की मांगों को पूरा नहीं किया तो आने वाले समय में पूरे प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.


वहीं सरकार अब सख्ती के मूड में आ गई है, और रेजिडेंट्स पर कार्रवाई करने को तैयार हो गई हैं. वहीं रेजिडेंट्स ने हठ पकड़ ली है और काम पर लौटने को तैयार नहीं हैं. जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े सरकारी अस्पतालों सहित उदयपुर और अजमेर के रेजिटेंड डॉक्टर्स हड़ताल वापस लेने को तैयार नहीं हैं.


रेजिडेंट डॉक्टर्स की बॉन्ड नीति सहित विभिन्न मांगो को लेकर आंदोलन का 14वां दिन हैं. जिसमें लगातार इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं समेत पूर्णतया कार्य बहिष्कार सहित रूटीन कार्यों का बहिष्कार शामिल हैं. चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि रेजिडेंट की मांग के अनुसार सरकार ने बॉण्ड नीति में छूट दी है लेकिन अब जार्ड की मांग है कि सरकार रेजिडेंट के 2021 में हुए समझौते को पूरा करें. जिसको लेकर जार्ड अध्यक्ष डॉ. नीरज डामोर का कहना है कि सरकार 5 हजार डॉक्टर्स की भर्ती की घोषणा करें. 


सुपर स्पेशलिटी में लैटरल एंट्री नहीं होनी चाहिए, आरपीएससी की तरफ से भर्ती सहित लंबित मांगों को पूरा किया जाए. वहीं सरकार जार्ड के खिलाफ साजिश रचना बंद करें. जिसमें उन्होंने जार्ड के दो धड़े बना दिए हैं और कार्रवाई के नाम पर रेजिडेंट्स का धमकाना और डराना बंद करें.


रिपोर्टर- अनूप शर्मा 


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