CAG की ऑडिट पर कब होगा कड़ा एक्शन?मुख्य सचिव की मौजूदगी में सामने आया जनप्रतिनिधियों का दर्द
कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महालेखाकार कार्यालय की ओर से सरकार के तमाम कामों का परीक्षण किया जाता है.
Jaipur: राजधानी जयपुर के स्टेच्यू सर्किल स्थित महालेखाकार कार्यालय में सोमवार से लेखा परीक्षा सप्ताह की शुरूआत हो गई है. महालेखाकार कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने लेखा परीक्षा सप्ताह का उद्घाटन किया. कार्यक्रम में राजस्थान की जन लेखा समिति के अध्यक्ष गुलाब चन्द कटारिया, राजकीय उपक्रम समिति अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं संबंधी समिति के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा के साथ ही प्रधान महालेखाकार के. सुब्रमण्यम और राज्य की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा मौजूद रहे .
कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि महालेखाकार कार्यालय की ओर से सरकार के तमाम कामों का परीक्षण किया जाता है. ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर समय- समय पर सरकार अपने स्तर पर दोषियों के खिलाफ संज्ञान लेती है. 4 वर्षों से कोई काम और फाइलें राजभवन में नहीं अटकी है.
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं संबंधी समिति के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में महालेखाकार कार्यालय का महत्व काफी बढ़ गया है. पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों की ऑडिट के दौरान जो भी पैरा लाए जाते है, उनका समिति के स्तर पर परीक्षण कर दोषियों पर कार्रवाई की जाती है लेकिन कई बार 50 रूपए तक के पैरा लाए जाते है जो ठीक नहीं है. उन्होंने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाए.
वहीं राजकीय उपक्रम समिति अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारी समितियों के परीक्षण के दौरान पूरी तैयारी के साथ नहीं आते हैं और जब जवाब मांगा जाता है जब तक उस अधिकारी का तबादला हो जाता है और नया अधिकारी अगली बैठक आगे खिसकाने की बात करता है .
राजस्थान की जन लेखा समिति के अध्यक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने कहा कि अब प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से कई बड़ी योजनाएं संचालित की जा रही है. इन योजनाओं में लाभान्वितों पर पूरा पैसा नहीं पहुंच पाता है. ऐसे समय में महालेखाकार कार्यालय कार्यायल का महत्व और बढ़ जाता है . उन्होंने कहा कि महालेखाकार कार्यालय की तरह राजस्थान में भी एक अलग ऑडिट एजेंसी होनी चाहिए. जो स्वतंत्र रूप से प्रदेश के विभागों और योजनाओं की ऑडिट करें.
जिससे बिना किसी दबाव के अधिकारी अपनी रिपोर्ट पेश कर सकें. कटारिया ने कहा कि समय - समय पर समितियां अपनी रिपोर्ट के आधार पर राजभवन में कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करती है लेकिन लंबे समय पर प्रकरण विचाराधीन रहने से दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती या तो वे रिटायर हो जाते है या फिर उनकी मौत हो जाती है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से जो भी प्रकरण राजभवन भेजे जाए उनका जल्द निस्तारण किया जाए. वहीं प्रधान महालेखाकार के. सुब्रमण्यम ने कहा कि ऑडिट वीक के दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा . जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ तथ्यों के साथ अपनी बात रखेंगे. ऑडिट सप्ताह के उद्घाटन कार्यक्रम यह सवाल छोड़ गया कि CAG की रिपोर्ट में दोषियों पर एक्शन कब होगा?
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