RSMSSB chairman:कौन हैं आरएसएमएसएसबी के नए चेयरमैन आलोक राज, जानें क्या कहा..
RSMSSB chairman: आर्मी अफसर को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई है,भारतीय सेना में रह चुके मेजर जनरल आलोक राज के सामने ये बड़ी चुनौती होगी. कितने सफल होंगे ये देखने वाली बात होगी.1982 से 2020 तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी है.
RSMSSB chairman: हरिप्रसाद शर्मा के इस्तीफा देने के बाद राज्य सरकार ने आर्मी अफसर आलोक राज को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड का नया अध्यक्ष बनाया है. कार्मिक विभाग ने संयुक्त शासन सचिव डॉ एसपी सिंह ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड सेवा नियम 2014 के नियम तीन के तहत ने यह आदेश जारी किए हैं.
भारतीय सेना में रह चुके मेजर जनरल आलोक राज का कार्यकाल जॉइनिंग की तारीख से अगले तीन साल तक रहेगा.जून 1983 में सिख लाइट इन्फैंट्री की पहली बटालियन में कमीशन मिला था और साल 2020 में एनसीसी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल महाराष्ट्र की पोस्ट से रिटायर हुए.वह UN सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में 1997-98 में अंगोला में विदेशी मिशन के साथ भी काम कर चुके हैं.
फ्री एंड फेयर एग्जाम करवाएंगे
आलोक राज ने जी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की फ्री एंड फेयर एग्जाम करवाना और युवाओं की मेहनत को खराब नहीं होने दिया जाएगा.निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड RSMSSB की परीक्षा कराने का अहम जिम्मेदारी उन्हे सौंपी गई हैं.युवा सालों से तैयारी करते हैं लेकिन पेपर लीक होने जैसी घटनाओ से उनके सपने और मनोबल टूट जाता हैं.लेकिन फुलप्रूफ सिस्टम और पूरा प्लान बनाकर एग्जाम करवाए जाएंगे.प्रतियोगी परीक्षा देने वाले कैंडिडेट्स में भी इससे कर्मचारी चयन आयोग के प्रति भरोसा और साख बढ़ेगी.
1982 में आर्मी ज्वाइन की थी
आलोक राज ने बताया की वो मूलत राजस्थान भरतपुर निवासी हैं वर्तमान में जयपुर स्थित बनीपार्क में रहते हैं.आलोक राज ने भरतपुर, सीकर, चौमूं के अलावा 1981 में जयपुर में महाराजा कॉलेज से बीएससी की पढाई की.1982 में आर्मी ज्वाइन की और 2020 तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दी.राजस्थान, गुजरात और लद्दाख में भी सिख लाइट इन्फैंट्री की पहली बटालियन यूनिट की कमान संभाली.सिक्किम, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, नार्थ ईस्ट, श्रीलंका, अंगोला में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी.
नई दिल्ली के चीफ प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर भी रहे
अरुणाचल प्रदेश और असम में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल-LAC पर भी इनकी इन्फेंट्री तैनात रही.ऑपरेशन RHINO के दौरान गजराज कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ रहे.इसके लिए इन्हें नार्थ ईस्ट में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भारत के राष्ट्रपति से 2019 में अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) प्राप्त हुआ.आलोक राज नेशनल वार मेमोरियल, नई दिल्ली के चीफ प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर भी रहे.
मैराथन धावक और पर्वतारोही मेजर जनरल (रिटायर्ड) आलोक राज समाज सेवा से भी जुड़े हैं.आलोक राज ने इंडियन आर्मी के ऑपरेशन पराक्रम और मेघदूत के दौरान इन्फेंट्री को कमांड किया था.यूनाइटेड नेशन सैन्य पर्येक्षक के रूप में अंगोला में विदेश में सैन्य मिशन में भी सेवाएं दीं.