Jatayu statue Ayodhya: अयोध्या के भव्य मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हो चुका है. ऐसे में हर कोई अब सिर्फ राम मंदिर की खूबसूरती और भव्य मूर्तियों की ही बात कर रहा है. इनमें से ही एक कांसे से बनी 300 फीट ऊंची जटायु की प्रतिमा भी है, जिसे अयोध्या के कुबेर टीले पर लगाया गया है. इस मूर्ति को पद्मश्री राम वनजी सुतार ने नोएडा स्थित वर्कशॉप में अपने बेटे अनिल की मदद से बनाया है. वह आज से नहीं बल्कि पिछले करीब 70 सालों से मूर्तियां बना रहे हैं. अपने 98 साल के जीवनकाल में वह अब तक 8000 से भी ज्यादा मूर्तियां बना चुके हैं. 


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किसकी मूर्ति बनाने का मिला था पहला ऑर्डर
राम वनजी को मूर्ति बनाने का पहला ऑर्डर साल 1947 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने दिया था. उन्होंने मूर्तिकार राम वनजी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाने को कहा था, जिसे संसद भवन में स्थापित किया गया है. इसके बाद से अब तक सुतार कई बेहतरीन मूर्तिया बना चुके हैं, जिसमें 45 फीट ऊंची चम्बल देवी की मूर्ति, 21 फीट ऊंची महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति , 18 फीट ऊंची सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति, 9 फीट ऊंची भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति आदि शामिल है. 


अयोध्या को देने वाले हैं दूसरी भेंट 
जटायु की प्रतिमा के बाद वनजी सुतार अयोध्या के लिए एक श्रीराम की मूर्ति बना रहे हैं, जिसे सरयू नदी के किनारे लगाया जाएगा. भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए भी सुतार ने मंदिर ट्रस्ट को दो विकल्प दिए थे, जिसमें से एक प्रतिमा युद्ध की मुद्रा में थी और दूसरी प्रतिमा में भगवान राम को अयोध्या के राजा के रूप में दर्शाया गया था. जानकारी के अनुसार, ट्रस्ट ने भगवान राम के राजा स्वरूप वाली मूर्ति चुनी है, जिसके आधार पर सुतार काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि सरयू नदी पर स्थापित होने वाली राम की यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. 


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