Rajasthan: राजेंद्र राठौड़ का राजनीतिक करियर काफी खास रहा है. आपको बता दें कि प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिनती होती है.1980 में तारानगर विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़े थे. और यहीं से ही सक्रिय राजनीति की शुरूआत  हुई थी. तब उन्होंने जनता दल के साथ चुनाव लड़ा था.लेकिन पहले चुनावी रण में राठौड़ का शिकस्त मिली. पर 1990 में इस सीट को जीतकर विधानसभा राठौड़ पहुंचे.इस दौरान राठौड़ ने कांग्रेस की हामीदा बेगम को 24हजार वोट से हराया था.


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फिर चुनाव जीतने के बाद राठौड़ ने जनता दल छोड़ भाजपा का दामन थामा. 1993 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राठौड़ को उम्मीदवार बनाया.


यहां राठौड़ ने फिर चुनावी मैदान जीता.साल 1998 , 2003 और साल 2008 का विधानसभा चुनाव लगातार तारानगर विधानसभा सीट से जीता.रूप कुंवर सती मामले में 2008 में राठौड़ का टिकट से इनकार किया.लेकिन इसी बीच राजेन्द्र राठौड़ जिंदगी में एक नया मोड़ आया. अक्टूबर 2006 में हुए दारिया एनकाउंटर में राजेन्द्र राठौड़ का नाम आया.जिसके बाद राठौड़ को जेल की हवा भी खानी पड़ी. लेकिन राठौड़ पर किसी प्रकार की आंच नहीं आई. 2013,2018 में राजेन्द्र राठौड़ ने तारानगर छोड़ चुरू से चुनाव लड़ा और जीता.


राठौड़ का जन्म 21 अप्रैल 1955 को हुआ था.चुरू जिले की सरदारशहर तहसील में जन्मे राठौड़ 2018 में भाजपा के विपक्ष में आने पर उपनेता की जिम्मेदारी दी गई. राठौड़ चिकित्सा मंत्री,ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. राजस्थान विश्वविद्यालय से एमए,एलएलबी ,डीएलएल किया है. 1979 में राजस्थान विश्वविद्यालय में अध्यक्ष भी रह चुके हैं राठौड़.


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