Rajasthan Politics: राजस्थान में आरपीएससी आरएस 2018 और 2021 में हुए घोटालों को लेकर किरोड़ी लाल मीणा आज मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ)पहुंचे. उन्होंने प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल से मुलाकात कीऔर इन घोटालों की जांच को लेकर अपनी मांगें रखीं. 


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मीणा ने भर्ती प्रक्रियाओं में हुई अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. आरपीएससी में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच के लिए मीणा ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) से जांच कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर हुई जांचों में पारदर्शिता की कमी रही है और कुछ लोगों के द्वारा दोषियों को बचाने की कोशिश की गई है. इसी वजह से उन्होंने अनुरोध किया कि इस मामले की जांच CBI जैसी केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जाए ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके. वहीं इन सब से प्रदेश में इस मुद्दे पर प्रशासनिक हलचल भी बढ़ गई है.



किरोड़ी लाल मीणा और प्रमुख सचिव शिखर अग्रवाल के बीच कई मुद्दों पर बात हुई.जिसमें आरपीएससी आरएस 2018 और 2021 के घोटालों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई. मीणा ने इन भर्तियों में हुई अनियमितताओं को उठाया और घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर चिंता जताई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. मीणा ने यह भी अनुरोध किया कि इस मामले की जांच तेजी से पूरी की जाए ताकि दोषियों को जल्द सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न दोहराई जा सकें.



RAS परीक्षा 2018 और 2021 में हुई गड़बड़ी को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने लगाए आरोप



"राजनीतिक दबाव में आकर बड़ी संख्या में पैसे लेकर बनाए गए RAS"


"अभ्यर्थी योग्य नहीं होने पर भी बढ़-चढ़कर मिले अंक"



"सरकारी कॉलेज के बजाय प्राइवेट कॉलेजों में चेक करवाई गई कॉपियां"



"अपने चाहितों को दिलवाए गए मन चाहे अंक"


"पिछली सरकार में आरपीएससी बनी भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा"


"जिसने योग्य लोगों का भविष्य तबाह कर अयोग्य लोगों को करवाया भर्ती"



किरोड़ी लाल मीणा ने आरपीएससी आरएस 2018 और 2021 की भर्ती प्रक्रियाओं में धांधली को लेकर पिछली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और पेपर लीक जैसी घटनाएं पिछली सरकार के कार्यकाल में हुईं, जिसमें सरकार की मिलीभगत होने की संभावना है.


मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के बजाय राजनीतिक दबाव में काम किया, जिससे योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकार ने इन घोटालों को दबाने की कोशिश की और दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला. फिलहाल मामले की जांच एसओजी कर रही है, लेकिन किरोड़ी लाल मीणा ने मामले में राजनीतिक मिली भगत होने की वजह से इस जांच को एसओजी से सीबीआई को सौंपने की मांग की है.