Jaipur News: आबकारी विभाग के इतिहास में कोरोना जैसी परिस्थितियों के बावजूद भी जब राजस्व में कमी नहीं देखी गई थी तब इस साल जब हर सेक्टर में बूम देखा जा रहा है. राजस्थान के आबकारी विभाग को राजस्व में करीब 4 हजार करोड़ का घाटा हो सकता है. राजस्व लक्ष्य के मामले में विभाग पिछले साल से भी पीछे रह सकता है. 


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आबकारी विभाग को राज्य सरकार के लिए राजस्व लाने वाले टॉप 5 विभागों में गिना जाता है. वाणिज्य कर विभाग के बाद आबकारी विभाग दूसरा सबसे अधिक राजस्व जुटाता है लेकिन इस वित्त वर्ष में आबकारी विभाग राज्य सरकार की उम्मीदों पर पूरी तरह पिछड़ रहा है.


दरअसल इस बार यूं तो राज्य सरकार ने आबकारी नीति में आबकारी विभाग के लिए राजस्व लक्ष्य को 2 हजार करोड़ बढ़ाया था. पिछले वर्ष जहां राजस्व लक्ष्य 15 हजार करोड़ था, जिसे बढ़ाकर इस साल 17 हजार करोड़ रुपये किया गया था लेकिन आबकारी विभाग राजस्व अर्जन में बढ़ोतरी के बजाय गिरावट दर्ज कर रहा है.


इस वित्त वर्ष के 25 मार्च तक के आंकड़ों को देखें तो आबकारी विभाग का राजस्व बढ़ने के बजाय घटा है. 25 मार्च तक विभाग का राजस्व अर्जन करीब 12780 करोड़ रुपये रहा है. 31 मार्च तक राजस्व का यह आंकड़ा 13 हजार करोड़ को पार कर सकता है, लेकिन क्या विभाग पिछले साल से अधिक राजस्व जुटा पाएगा, इसे लेकर संशय बना हुआ है. 


कितना रहा है आबकारी विभाग का राजस्व ?
वर्ष 2009-10 में 2300.48 करोड़
वर्ष 2010-11 में 2861.45 करोड़
वर्ष 2011-12 में 3287 करोड़
वर्ष 2012-13 में 3987 करोड़
वर्ष 2013-14 में 4981.59 करोड़
वर्ष 2014-15 में 5585.77 करोड़
वर्ष 2015-16 में 6712 करोड़
वर्ष 2016-17 में 7053.68 करोड़
वर्ष 2017-18 में 7275.86 करोड़
वर्ष 2018-19 में 8695 करोड़
वर्ष 2019-20 में 9700 करोड़
वर्ष 2020-21 में 9852.14 करोड़
वर्ष 2021-22 में 11807.33 करोड़
वर्ष 2022-23 में 13326.10 करोड़
वर्ष 2023-24 में 25 मार्च तक 12780 करोड़


हालांकि वित्त विभाग ने आबकारी विभाग के राजस्व अर्जन की खराब स्थिति को देखते हुए राजस्व लक्ष्य को रिवाइज किया है. मौजूदा समय में राजस्व लक्ष्य को घटाकर 13500 करोड़ रुपये किया गया है. हालांकि यह अपने आप में रोचक है कि जब हर साल आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य बढ़ाया जाता है, तब इस बार राजस्व लक्ष्य को कम किया जाना आबकारी नीति और अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. शुरुआती लक्ष्य से तुलना करें तो विभाग की प्राप्ति करीब 4 हजार करोड़ कम रह सकती है. 


क्या राजस्थान में भी हुआ आबकारी घोटाला ?
देश में इकोनॉमी में किसी भी क्षेत्र में निगेटिव ग्रोथ नहीं
आबकारी नीति के समय विभाग का राजस्व लक्ष्य था 17 हजार करोड़
अब राजस्व लक्ष्य को घटाकर किया गया 13500 करोड़
जबकि पिछले साल ही विभाग का राजस्व लक्ष्य था 15 हजार करोड़
विभाग करीब 95 फीसदी लक्ष्य प्राप्ति बताकर बटोर रहा वाहवाही
लेकिन मूल लक्ष्य की तुलना में मात्र 75 फीसदी राजस्व अर्जित
जब किसी भी क्षेत्र में निगेटिव ग्रोथ नहीं तो आबकारी में क्यों
क्या राजस्थान में भी हुआ दिल्ली की तर्ज पर आबकारी घोटाला ?