जयपुर: गुलाबी नगरी में “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के तहत नवाचारी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ. डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में राज्य के कई जिलों के पंचायती क्षेत्रों से सरपंच और अन्य अधिकारी शामिल हुए. कार्यक्रम में डिजिटल बाल मेला की मेंटर और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. मीना शर्मा ने “मैं भी बाल सरपंच” अभियान के बारे में संबोधित किया. इस अवसर पर सरपंच संघ के राष्ट्रिय अध्यक्ष जयराम पलसानिया ने “डिजिटल बाल मेला के इस प्रयास को बच्चों के विकास के लिए जरुरी बताया.


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इतना ही नहीं यूनिसेफ से शफ़क़त हुसैन भी इस कार्यशाला का हिस्सा बने. बता दें की यूनिसेफ की पार्टनरशिप के तहत इस अभियान की आधिकारिक शुरुआत 2 अक्टूबर को की जाएगी. इसी दिन 1959 में आधुनिक भारत में पहली बार राजस्थान के नागौर जिले के बगधरी गाँव में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पंचायत व्यवस्था की शुरुआत की थी. इस अभियान के बारे में संबोधित करते हुए डॉ. मीना शर्मा ने इस अभियान की विशेषताएं, सामाजिक महत्व, बच्चों की पंचायत व्यवस्था में सहभागिता, ग्राम पंचायत को बाल मित्र पंचायत बनाने की आवश्यकता और बाल पंचायतों के आयोजन से जुड़े विषयों के बारें में जानकारी दी.


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ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ने की अपील


साथ ही इस अभियान के बारें में ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को कैसे जागरूक किया जाए इस बारे में भी जानकारी दी गई. कार्यक्रम में सम्मिलित सरपंच और जिलाध्यक्ष इस अभियान “मैं भी बाल सरपंच” के नवाचार से प्रभावित हुए और डिजिटल बाल मेला की इस पहल की सराहना की. साथ ही अपने पंचायती क्षेत्र के ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को इस अभियान से जोड़ने और अपने गांव में बाल पंचायत के आयोजन का उत्साह दिखाया.


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इतना ही नहीं वहां मौजूद अधिकारियों ने अपनी-अपनी पंचायतों को “बाल मित्र” बनाने का भी वादा किया. गौरतलब है इस पहल के तहत डिजिटल बाल मेला और यूनिसेफ बच्चों की पंचायत राज प्रणाली के प्रति जागरूकता, बच्चों की सहभागिता और शिक्षा पर काम करेगा.


REPORTER- ANOOP SHARMA