Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी में इस विधि से भगवान विष्णु की पूजा करने से मिटते हैं सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त
Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) उत्तर भारतीय पंचांग के आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष और दक्षिण भारतीय पंचांग के ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है. माना जाता है कि इसका व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान पुण्य प्राप्त होता है. आइए जानते हैं इसकी पूजा विधि और तिथि.
Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi): योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) नीरजल एकादशी के बाद और देवशयनी एकादशी के पहले आती है. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) उत्तर भारतीय पंचांग के आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष और दक्षिण भारतीय पंचांग के ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ती है. मान्यता है कि योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर उपवास करना 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान है. योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर भक्तजन खुशी और समृद्धि लाने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. कुछ भक्त योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर पूरा निर्जला (बिना पानी के) उपवास रखते हैं.
योगिनी एकादशी का महत्व (Yogini Ekadashi Importance)
एकादशी एक अपने भीतर की ओर देखने और एक सरल जीवन जीने का दिन है, जिसमें मनोरंजन को नियंत्रित करके लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना और इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने की दिशा में काम करना होता है. इस अवसर पर अधिकांश समय को पूजा और दिव्य गतिविधियों में बिताना आदर्श होता है.
कहा जाता है कि योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) पर उपवास रखने से पापों को धोने का अवसर मिलता है और व्यक्ति को स्वर्ग लोक में उन्नति करने का मार्ग प्रदान होता है. कुछ लोग कहते हैं कि इस दिन ईमानदार भक्ति के साथ उपवास रखना 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने से प्राप्त पुण्य के समान होता है.
योगिनी एकादशी 2023 की तिथि (Yogini Ekadashi 2023 Date)
योगिनी एकादशी : बुधवार, 14 जून, 2023 को होगी.
योगिनी एकादशी पारणा का समय - सुबह 06:04 बजे से लेकर सुबह 08:32 बजे तक होगा.
योगिनी एकादशी तिथि शुरू होगी - 13 जून, 2023 को सुबह 09:28 बजे.
योगिनी एकादशी तिथि समाप्त होगी - 14 जून, 2023 को सुबह 08:48 बजे.
योगिनी एकादशी की पूजा विधि (Yogini Ekadashi 2023 Puja Vidhi)
स्नान के बाद लोग एकादशी तिथि को पीले वस्त्र पहनते हैं.
ध्यान करते हुए उपवास का संकल्प लें.
पूजा के दौरान एक कलश स्थापित करें.
कलश के ऊपर विष्णु भगवान (Vishnu bhagwan) की मूर्ति स्थापित करें और पूजा शुरू करें.
इसके दौरान, विष्णु भगवान (Vishnu bhagwan) को खीर चढ़ाएं और विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत पढ़ें.
योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) की कथा पढ़ें और आरती करें.
उपवास की पूरी रात जागरण करें.
अगले दिन, अर्थात् द्वादशी तिथि को, एक ब्राह्मण को भोग खिलाकर उपवास तोड़ें.
यह पूजा विधि आपको योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) के अवसर पर सम्पन्न करने में मदद करेगी.
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