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Jaipur news: राजस्थान के लोगों में हाथों का हुनर पूरी दुनिया में मशहूर है .इनके हाथों के हुनर की दुनिया में चर्चा होती है. वो चाहे  कपड़े हो या  कोई भी हाथ से तैयार किया जाने वाला सामान. यहां लोग अपने हाथों के जादू से सामानो मे किमती बना देते हैं.
 
डिमांड देश-विदेश में 
ऐसी ही एक जादूगरी राजसमंद जिले में खमनौर गांव का एक परिवार मे देखा गया है. इनके हाथों से तैयात इत्र की  डिमांड देश-विदेश में भरी मांग के साथ होता है.बस कुछ फूलों का इस्तेमाल करके इतना बेहतरीन इत्र तैयार किया जाता है. 


 1964 में हुई थी शुरुआत 
इतने मषहुक इत्र बनाने का काम आज से नहीं बल्की चार पिढ़ी से चला आ रहा है. इत्र के मालिक मोतीलाल ने बताया कि उनका यह काम 4 पीढ़ियों से आभी तक चल रहा है. उन्होंने बताया इत्र बनाने की शुरुआत 1964 से हुई जिसमें उनका पूरा परिवार योगदान देता आ रहा है. इत्र के साथ-साथल औषधीय और पेय पदार्थ भी तैयार करते है. इस इत्र की सप्लाई भारत के हर एक कोने में होती है. साथ ही विदेशों में इसकी मांग भी बहोत अधिक हैं.


इत्र तैयार करने का तरीका


इत्र कई अलग-अलग प्रकार से बनाता है. इत्र में  क्वालिटी और क्वांटिटी को ध्यान रख बनाया जाता है. इत्र को तैयार करने में 1 महीना का समय लगता है.इसको भट्टी के माध्यम से बनाया जाता  है. साथ ही साथ जयपुर में इत्र की इतनी  वैरायटी हैं की लोग भी कंफ्यूज हो जातें हैं क्योंकि यहां के सभी इत्र बेहतरीन है.त्यौहार और शादी विवाह में इत्र की सबसे ज्यादा डिमांड होती हैं.


नेचुरल तरीके से होता है तैयार 


यहां मिलने वाले इत्र की कीमत 2 लाख रुपये तक हैं. इन जिलों के  माली समाज अपने खेतों में करीब दस से बारह हजार गुलाब का पौधा लगाने का काम करते हैं.इत्र की सिंथेटिक और नेचुरल तरीके से तैयार किया जाता हैं. इसमें किसी प्रकार का कैमिकल इस्तेमाल नहीं होता. 


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