जैसलमेर में भादरिया महाराज को मिलेगा स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार, गौसंरक्षण के लिए किया जाएगा पुरुस्कृत
भादरिया महाराज के जरिए स्थापित विश्व की सबसे बड़ी भादरिया गौशाला को यह पुरस्कार 13 सितंबर को राठ में आयोजित होने वाले एक भव्य कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया जाएगा.
Pokhran: पशुओं से प्रेम तो बहुत सारे लोगों को होता है पर बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो इनकी सेवा के लिए तत्पर रहते हैं. अप्रतिम मिशाल संत हरवंशसिंह निर्मल उर्फ भादरिया महाराज ने भी अपना पूरा जीवन गौसेवा के लिए समर्पित कर दिया है. अब उनके इसी कार्य के लिए साल 2022 का ‘स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार’ मिलने जा रहा है.
भादरिया महाराज के जरिए स्थापित विश्व की सबसे बड़ी भादरिया गौशाला को यह पुरस्कार 13 सितंबर को राठ में आयोजित होने वाले एक भव्य कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया जाएगा. इसकी सूचना को स्वामी ब्रह्मानंद पुरुस्कार समिति के अध्यक्ष मनोहर सिंह ने एक पत्र जारी करके दी हैं.
गौसंरक्षण को लेकर किया जाएगा पुरुस्कृत
शिक्षा और गोसेवा के क्षेत्र में प्रतिवर्ष दिया जाने वाला प्रतिष्ठित स्वामी ब्रह्मानंद पुरुस्कार इस वर्ष गौसेवा के क्षेत्र में दिया जायेगा. इस बार के पुरुस्कार के लिए समिति ने सन् 1948 से 1963-64 में श्री गंगानगर जैसलमेर से पाकिस्तान में होने वाली गौवंश तस्करी को बलपूर्वक रोककर पूरे गौवंश को भादरिया में विशाल गौशाला स्थापित कर उनका संरक्षण किया.
यह भी पढ़ें: वायुसेना को मिली बड़ी उपलब्धि, मेक इन इंडिया 'पिनाका' का सफल परीक्षण
भादरिया महाराज ने गौशाला में खासतौर पर हजारों अनुपयोगी सांड़, बैल को भी आश्रय दिया. वर्तमान में लगभग पैंतीस हजार से अधिक गौवंश इस अकेली दस हजार बीघा में फैली गोशाला में आश्रय मौजूद हैं. इसके साथ भादरिया महाराज ने इस रेगिस्तान में रेत के बीस फुट नीचे एशिया की सबसे बड़ी भूमिगत लाइब्रेरी स्थापित की जिसमें दुनिया भर का संविधान, दर्शन, सभी धर्मों के संपूर्ण साहित्य, नोवेल सहित लाखों किताबों का संग्रह किया है. साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भादरिया क्षेत्र में लाखों पेड़ लगाकर हरा भरा भी किया है.
भादरिया महाराज होंगे चौथे विजेता
गौरतलब है कि देश में गौसेवा को लेकर पहली आवाज बुलंद करने वाले बुंदेलखंड मालवीय नाम से सुप्रसिद्ध स्वामी ब्रह्मानंद की पुण्यतिथि पर 13 सितंबर को यह पुरुस्कार हमीरपुर जनपद के राठ में दिया जाएगा. इस पुरुस्कार की शुरुआत स्वामी ब्रह्मानंद जी के 35वीं पुण्य वर्ष 2019 से की गई थी. जो हर साल उनकी पुण्यतिथि पर ही प्रदान किया जाता है.
बता दें कि भादरिया महाराज पुरुस्कार पाने वाले चौथे विजेता होंगे. इससे पूर्व यह अंतरर्राष्ट्रीय पुरस्कार जर्मन महिला गौसेवक फ्रेडरिक इरीना ब्रूनिंग और भारत- दक्षिण कोरिया के बीच शैक्षिक अंतरासंबंध स्थापित करने वाले डॉ अरुण प्रकाश और भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ सुपर- 30 के संस्थापक आनंद कुमार को मिल चुका है.
Reporter: Shankar Dan
जैसलमेर जिले की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
अन्य खबरें: पुखराज को पहनने से पहले पढ़ लें यह खबर, कहीं फायदे के बजाय न होने लगे नुकसान
चौरासी में घर से 50 फीट की दूरी पर पांच दिन से लापता युवक का कुएं में मिला बदबूदार शव