Jaisalmer news: फलसूण्ड मे जलदाय विभाग की ओर से लम्बी चौड़ी योजनाएं तो संचालित की जा रही है, लेकिन उनके रख रखाव के लिए विभाग के पास कर्मचारियों की कमी के कारण ये योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही है. जिसका खामियाजा दूर दराज गांवों व ढाणियों के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसी ही राजमथाई- फलसूंड जलप्रदाय योजना है, जिसके अंतर्गत क्षेत्र के विभिन्न गांवों व ढाणियों को जोडने के लिए करीब 400 किमी पाइपलाइनों का जाल बिछाया गया है, लेकिन कर्मचारी नाममात्र के ही है. 


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उन कर्मचारियों के लिए अंतिम छोर तक जलापूर्ति सुचारु रखने के साथ पाइपलाइनों से लीकेज निकालने, उनकी मरम्मत करने, सारसंभाल आदि करना किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में भीषण गर्मी के मौसम में हर बार जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ जाती है. जिसके कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट से रूबरू होना पड़ता है और महंगे दामों में ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है. बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.


योजनाएं बढ़ी, कर्मचारी नहीं


जलदाय विभाग की ओर से प्रत्येक गांव व ढाणी को पाइपलाइन से जोड़कर जलापूर्ति तो शुरू कर दी गई है, लेकिन कर्मचारियों के अभाव में इनका रख रखाव करना मुश्किल हो रहा है और ग्रामीणों को पेयजल संकट से रूबरू होना पड़ता है. इस जलप्रदाय योजना में गत एक दशक से कर्मचारियों का अभाव चल रहा है. इस योजना में पंपचालकों, सहायकों, इलेक्ट्रिशियन, फीडर के सभी पद रिक्त पड़े है. जबकि मात्र बेलदार व हेल्पर ही कार्यरत है. जिससे क्षेत्र की सबसे बड़ी जलप्रदाय योजना दम तोड़ती नजर आ रही है.