जैसलमेर नगर परिषद आयुक्त के नाम से बड़ा फर्जीवाड़ा, पटवा हवेली के सामने बिना अनुमति निर्माण कार्य
Jaisalmer News: शहर की विश्व विख्यात पटवा हवेली के सामने स्थित एक मकान मालिक मां व बेटे ने पहले बिना अनुमति मकान की पीछे से दरवाजा लगाने का प्रयास किया. इस पर नगरपरिषद ने नोटिस जारी कर दरवाजा सीज करवा दिया.
Illegal construction in front of patwa haveli,Jaisalmer News: जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां नगरपरिषद आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार कर कोर्ट में परिवाद पेश कर दिया. गौरतलब है की शहर की विश्व विख्यात पटवा हवेली के सामने स्थित एक मकान मालिक मां व बेटे ने पहले बिना अनुमति मकान की पीछे से दरवाजा लगाने का प्रयास किया. इस पर नगरपरिषद ने नोटिस जारी कर दरवाजा सीज करवा दिया. इसके बाद भैया पाड़ा निवासी मोहिनी देवी पत्नी जीवनलाल कोठारी व दिलीप कोठारी पुत्र जीवनलाल कोठारी ने नगर परिषद आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार कर कोर्ट में परिवाद पेश किया. कोर्ट में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिवाद खारिज कर दिया. इसका खुलासा होने के बाद नगर परिषद आयुक्त ने मकान मालिक मां व बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है.
पटवा हवेली के सामने बिना अनुमति निर्माण कार्य
दरअसल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जैसलमेर की पटवा हवेली को सरकार के अधिग्रहण कर लिया. इसके बाद इस नायाब नमूने को निहारने के लिए सामने जगह खाली करवाकर चौक का निर्माण करवाया गया. पीछे की तरफ खिड़की बनाने अनुमति नहीं दी गई. जिसके बाद मोहिनी देवी व दिलीप कोठारी को 20 जून को बिना परमिशन निर्माण करने पर नगर परिषद आयुक्त ने धारा 194 (10) के तहत नोटिस जारी करते हुए सीजर की कार्रवाई भी कर दी. इसके बाद 10 मार्च को नगर परिषद का धारा 245 (12) एक आदेश कोर्ट में पेश कर उस फर्जी आदेश को निरस्त भी करवा दिया गया है.
नगरपरिषद आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार
पटवा हवेली के सामने खुले चौक में अपने मकान का पिछला दरवाजा खोलने का प्रयास कर रहे थे. शिकायत के बाद मौके पर पहुंची नगर परिषद की टीम ने जहां काम को रुकवा दिया वहीं आयुक्त ने इस मामले को लेकर नोटिस देकर दरवाजा सीज करवा दिया. इसके बाद मां-बेटे ने आयुक्त के साइन कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर न्यायालय में पेश कर दिए.
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इस मामले में जैसलमेर आयुक्त लजपालसिंह सोढा ने बताया की 10 मार्च को मैने धारा 245 (12) के तहत किसी भी प्रकार का नोटिस जारी नहीं किया. इस मामले में पूर्व में 20 जनवरी को धारा 194 (10) का नोटिस जारी कर दरवाजा सीज किया था. इसके बाद 245 (12) का नोटिस जारी करने की जरूरत है और न ही औचित्य. इस मामले को लेकर कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया है.