Jaisalmer:  जैसलमेर के पोकरण में फिर बंधी रेलवे स्टेशन पर सुविधा विस्तार की आस इस मांग के पूरी होने के साथ 4 नई रेलों का संचालन शुरू हुआ. जानकारी के अनुसार अंग्रेजों के जमाने का रेलवे स्टेशन जोधपुर मंडल का आखिरी स्टेशन माना जाता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 इस दौरान यहां कुछ रेलों का संचालन होता था. साथ ही पोकरण रिण में उत्पादित होने वाले नमक को भी यहां से ले जाया जाता था,लेकिन रेलवे की ओर से पीस मील लोडिंग बंद कर दिए जाने के बाद नमक का उत्पादन नाममात्र का रह गया है. जबकि रेलवे की ओर से आवश्यकता होने पर ही मालगाड़ी यहां लाई जाती है.


 4 रेलों का पोकरण से होकर संचालन शुरू


बीते एक दशक से क्षेत्र के बाशिंदों की ओर से जैसलमेर से सीधे गोमट व रामदेवरा होकर संचालित होने वाली लंबी दूरी की रेलों को पोकरण से संचालित करने की मांग की जा रही थी. इसके अंतर्गत गत माह 4 रेलों का पोकरण से होकर संचालन शुरू किया गया अब स्टेशन पर सुविधाओं को लेकर भी उच्च स्तर पर कवायद शुरू हो गई है.


घुमाकर लगाना पड़ता 


पोकरण के रेलवे स्टेशन पर मात्र एक प्लेटफॉर्म स्थित है. ऐसे में अब रेलों की संख्या बढने पर कई बार एक साथ दो व तीन रेलें आ जाती है. हालांकि यहां पटरियां तीन है,लेकिन प्लेटफॉर्म एक ही होने से यात्रियों को रेल में चढ़ने व उतरने में खासी परेशानी होती है. यही नहीं पोकरण स्टेशन पर रेल आने के दौरान इंजन को वापस घुमाकर लगाना पड़ता है.


 पर्याप्त व्यवस्था नहीं 


ऐसी स्थिति में एक रेलवे ट्रेक खाली रखना पड़ता है. जब स्टेशन पर दो रेलें खड़ी होती है और तीसरी रेल आ जाती है तो उसे आउटर सिग्नल के बाहर ही रुकना पड़ता है. इसी प्रकार रेलवे स्टेशन पर ठंडे पानी व छाया की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज नहीं बना हुआ है.


ये भी पढ़ें- RBSE Rajasthan Board 8th result 2023: राजस्थान 8वीं बोर्ड रिजल्ट पर टॉप पर रहे ये चार जिले, कुल 94.50 फीसदी स्‍टूडेंट्स हुए पास