Jaisalmer News:राजस्थान के जैसलमेर जिले के राघवा गांव के पास की जमीन को ओरण में शामिल करने के मांग को लेकर आज ग्रामीण ओरण से जिला मुख्यालय तक पैदल रवाना हुए.


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परंपराओं से छोड़ी गई
गौरतलब है कि राघवा गांव के मिठड़ाऊ कुंआ, कालरा कुंआ व जुनिया कुंआ पर भुराबाबा, सिद्ध हनवंतसिंह, जुझार श्यामसिंह, वीर सिद्धराव मायथीजी, खेजड़ वाली माता व जुझार कुंपसिंह की प्राचीन सामाजिक मान्यताओं और परंपराओं से छोड़ी गई.


ओरण भूमि व मुंहबोली ओरण भूमि है.उसे राजस्व रिकॉर्ड में लोक दर्ज करने की मांग को लेकर ग्रामीण अब जिला कलेक्टर को ज्ञापन देंगे.



राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज करे
ग्रामीणों ने बताया कि ये 25 हजार बीघा से भी ज्यादा जमीन है जो राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज नहीं है. सरकार इसको निजी कंपनियों को अलोट नहीं करके ओरण के नाम से ही राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज करे. 


200 साल से भी पुरानी ओरण की जमीन
कई गांवों से लोग पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं और ये सभी मिलकर करीब 500 लोग बुधवार को जैसलमेर पहुंचेगे और कलेक्टर को ज्ञापन देंगे. वही ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने 200 साल से भी पुरानी ओरण की जमीन को रेवेन्यू रेकॉर्ड में ओरण के नाम से दर्ज नहीं किया हुआ है.




जिसका फायदा उठाकर निजी कंपनिया उसको सस्ती दर पर सरकार से ले लेती है. हम सब इसका विरोध करते हैं. हालांकि इससे पहले पिछली सरकार द्वारा सांवता गांव की 6 हजार बीघा भूमि को देगराय मंदिर ओरण में शामिल किया गया था. जिसके बाद से जिले के अलग-अलग ओरणों को राजस्व में जोड़ने के प्रयास किए जा रहे है.


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