Pokhran: जैसलमेर के लाठी क्षेत्र के लोहटा गांव में बिजली नियमित रूप से देने के उद्देश्य से 24 जनवरी 2016 को जीएसएस स्थापित किया गया था. इस दौरान यहां पहले कार्मिकों के ठहराव के भवन का निर्माण कार्य शुरू किया गया, लेकिन कार्य शुरू करने के बाद बंद कर दिया गया. पिछले चार साल से जीएसएस पर कार्मिकों के लिए रहने के लिए बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य अधूरा होने से यहां रह रहे कार्मिकों को भारी परेशानियां हो रही है.


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जानकारी के अनुसार क्षेत्र के लोहटा गांव में नलकूपों की संख्या को देखते हुए, यहां पर कुछ वर्ष पूर्व जीएसएस निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था. जीएसएस पर विद्युत तार, पोल समेत अन्य कार्य तो पूर्ण हो गय, लेकिन कार्मिकों के रहने के लिए भवन और चार दीवारी का मुख्य गेट नहीं होने के कारण कर्मचारियों को परेशानी हो रही है. चार दीवारी का मुख्य गेट नहीं होने से जंगली जानवर जीएसएस में घुस जाते हैं और ऐसे में हादसा हो सकता है.


आसमान तले राते गुजारने को मजबूर कार्मिक
गांव में डिस्कॉम की ओर से जीएसएस शुरु करके कार्मिकों को लगा दिया, लेकिन सुविधा नहीं होने के कारण परेशान होना पड़ रहा है. कार्मिकों ने बताया कि सर्दी हो या गर्मी की रातों को आसमान तले जीएसएस परिसर में गुजारना पड़ रहा है.


आवारा पशु बने परेशानी का सबब
जीएसएस परिसर के चार दीवारी का मुख्य गेट नहीं होने के कारण दिनभर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे हादसे के शिकार हो रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जीएसएस की चार दीवारी का मुख्य दरवाजा नहीं होने के कारण आवारा पालतू पशु विचरण करते हुए तारों तक पहुंच जाते है.


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खुले में होने के कारण हो सकता है बड़ा हादसा
जीएसएस में खुले आसमान तले संचालित हो रहे जीएसएस के कारण कार्मिकों के अलावा दूसरे लोगों को भी करंट लगने का खतरा बना हुआ है. स्टेशन पर सुविधाओं की कमी के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिसमें जनहानि भी हो सकती है.


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