Jaisalmer news: स्वर्ण नगरी जैसलमेर के सोनार दुर्ग में 6 बटालियन राष्ट्रीय आपदा मोचन दल (NDRF) और जिला प्रशासन ने मिलकर शनिवार को सोनार किले में भूकम्प जैसी आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया. मॉक ड्रिल द्वारा लोगों को ये संदेश दिया कि भूकम्प या अन्य आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ के साथ ही पुलिस प्रशासन, सिविल डिफेंस, मेडिकल टीम किस प्रकार से बचाव का काम करता है.


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लाइव डेमोसट्रेशन 
 मॉक ड्रिल के तहत उसका लाइव डेमोसट्रेशन किया गया. इस दौरान रेस्क्यू टीम ने अपने साथ लाए गए भूकम्प बचाव से जुड़े उपकरणों, कटिंग और अलग-अलग प्रकार के इक्युपमेंट से लकड़ी और लोहे की चद्दर को काटकर लोगों को बचाने का लाइव डेमोसट्रेशन किया.


यह अधिकारी रहें मौजूद
मॉक ड्रिल के दौरान जिला प्रशासन के साथ ही सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, चिकित्सालय की टीम पुलिस आदि ने हिस्सा लिया. मॉक ड्रिल के दौरान आपदा की स्थिति में लोहे और लकड़ी की दीवार को काटकर घायल को सुरक्षित निकाल कर उसका मौके पर फ़र्स्ट एड कर 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजने, वहीं टीम द्वारा ऊंचाई पर घायल हुए व्यक्ति को रस्से की मदद से सुरक्षित उतारकर उसे बचाने का प्रदर्शन किया गया. मॉडल में पुलिस कप्तान विकास सांगवान सांगवान नगर परिषद अधिकारी मौके पर रहे.



6 एनडीआरएफ टीम 
जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने इस मौके पर बताया कि 6 एनडीआरएफ टीम द्वारा भूकम्प की स्थिति से निपटने का जो मॉक ड्रिल किया गया है वह शानदार रहा. उन्होंने बताया कि इससे यह भी सीख मिली कि आपदा की घड़ी में इस बचाव टीम के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियों और अन्य विभागों ने जो संयुक्त रूप से मौके पर तत्परता से कार्रवाई की वह बेमिसाल है. उन्होंने कहा कि इससे ये संदेश भी मिलता है कि आपदा की घड़ी में जिला प्रशासन के साथ ही बचाव टीमें आमजन को बचाने के लिए सदैव तत्पर रहती है. उन्होंने टीम द्वारा दुर्ग किए गए इस बचाव कार्य की सराहना की. उन्होंने इस मॉक ड्रिल में अलग-अलग विभागों के स्टेके होल्डर के सहयोग पर धन्यवाद दिया और उनकी तारीफ की.


 मॉक ड्रिल का शानदार प्रदर्शन 
भूकम्प की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ आर आर सी किशनगढ़ कमांडेंट योगेश कुमार मीणा के नेतृत्व में निरीक्षक जीडी सुरेश कुमार तथा रेस्क्यू टीम ने भूकम्प दुर्घटना होने पर किए जाने वाले बचाव कार्यों और मॉक ड्रिल का शानदार प्रदर्शन किया. योगेश कुमार मीणा ने बताया कि टीम द्वारा समय-समय पर अलग-अलग जिलों में जाकर भूकम्प या अन्य आपदा की स्थिति में किस प्रकार से बचाव कार्य किया जाता है, उसका मॉक ड्रिल किया जाता है .


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