Jalore : राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल ,सायला,सांचोर, बागोड़ा और जसवंतपुरा उपखंड मुख्यालयों पर सुराणा प्रकरण में निष्पक्ष और सीबीआई जांच की मांग को लेकर 36 कौम के संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया और साथ ही पुलिस कांस्टेबल थानसिंह का भी निलंबन वापस लेने की मांग की.


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हजारों की संख्या में सर्व समाज के लोग मौके पर मौजूद रहे. इस दौरान क़ानून व्यवस्था को लेकर पुलिस जाब्ता तैनात रहा . प्रदर्शन कर रहे कई संगठनों के लोगों ने कहा कि सुराणा के एक निजी विद्यालय के घटनाक्रम को लेकर पिछले दिनों जालोर जिले को जातिवाद और छुआछूत के नाम पर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम किया जा रहा है. 


सुराणा के इस निजी विद्यालय में एक संचालक छैलसिंह और दूसरा अशोक कुमार जीनगर है. जिस स्कूल का एक साझा संचालक दलित हो, वहां छुआछूत या जातिवाद कैसे संभव है. स्कूल में 5 से 6 शिक्षक एससी वर्ग से है. इसी तरह मटकी से जुड़ा विवाद चल रहा है, लेकिन स्कूल में मटकी होने की बात की पुष्टि भी नहीं हुई. 


सर्व समाज ने कहा कि आपसी सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जातीय संगठनों की भीड़ और अन्य दबाव में स्कूल की मान्यता को रद्द करने का आश्वासन दिया गया है. ये बच्चों के भविष्य से भी जुड़ा मुद्दा है. ऐसे में मान्यता रद्द नहीं की जाए. 


वही, मामले में बिना वजह मटकी को बेस बनाकर समाज के खिलाफ साजिश की जा रही है, जबकि असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ है, क्योंकि सब लोग एक ही टंकी से पानी पीते हैं और सौहार्दपूर्ण माहौल रहते हैं. ऐसे में जालोर में बाहरी लोगों ने आकर माहौल बिगाड़ा है, इसलिए बाहर से आने वाले भड़काऊ लोगों को तुरंत प्रभाव से रोका जाना चाहिए. इसके बाद निष्पक्ष और सीबीआई जांच की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान हजारों की संख्या में सर्व समाज के लोग मौजूद रहे.


रिपोर्टर-डूंगरसिंह राठौड़


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