Jalore : जिले के आहोर पुलिस थाने में एक कामकाजी महिला के साथ देहशोषण का एक मामला दर्ज किया गया है. जहां महिला ने एक अज्ञात समेत चार लोगों  पर आरोप लगाया है, जिसमें से एक व्यक्ति को पुलिस कांस्टेबल बताया जा रहा है. 


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पीड़ित महिला की ओर से जालोर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ अनुकृति उज्जैनिया पीड़ित  को परिवाद दिया गया था, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. घटना का जिक्र एक महीने पहले होने का बताया गया है, जिस कारण पुलिस गंभीरता से छानबीन  कर रही है.


पुलिस के मुताबिक, सिरोही जिले के एक कस्बे की निवासी महिला आहोर में स्थित मानसिक विमंदित पुनर्वास केंद्र संस्था में कामकाज कर रही थी. उस महिला ने बताया कि वह दो बच्चों की मां है, शादी के बाद अनबन होने के चलते वह मायके चली गई थी, बाद में खुद आजीविका चलाने के लिए आहोर की एक संस्था में कामकाजी महिला के तौर पर जुड़ गई. 
 
इस दौरान करीब एक महीने पहले राजेश कुमार नामक एक व्यक्ति आया, जिसने खुद को बड़ा अधिकारी बताया और उसे शरबत में कुछ पिलाकर उसके साथ इच्छा के विरुद्ध देहशोषण किया. पीड़िता ने इसमें संस्था संचालिका पर भी आरोपी के साथ मिलीभगत होने का आरोप लगाया है. 


महिला का आरोप है कि उक्त आरोपियों ने उसे धमकाया कि कहीं बताया तो उसे नुकसान पहुंचा देंगे. पीड़िता ने बताया कि उसके बाद जेपाराम, पुलिस कांस्टेबल मुकेश कुमार और  एक अज्ञात व्यक्ति ने भी उसके साथ दबाव बनाकर अलग-अलग समय उसके इच्छा के विरुद्ध देहशोषण किया.


उसने परिवाद में बताया कि उसे डरा धमका रखा था कि कहीं बताया तो उसे नुकसान पहुंचाएंगे. इस कारण वो मौका पाकर वहां से भाग गई और एएसपी को अपनी परिवेदना पेश की.


पुलिस ने दिखाई  गंभीरता 
एएसपी डॉ अनुकृति उज्जैनिया को इस प्रकार का परिवाद मिलते ही उन्होंने गंभीरता दिखाई. उन्होंने आहोर थाने पहुंचकर मामले की जानकारी ली. उसके बाद प्रकरण दर्ज कर लिया गया. वहीं पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने मामले की जांच जालौर उप अधीक्षक हिम्मत चारण को सौंपी. जांच के बाद प्रारंभिक पूछताछ में पीड़िता के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है.


साथ ही महिला का मेडिकल करवाकर बयान दर्ज किए गए. मामले में आरोपी आहोर निवासी जेपाराम देवासी और संस्था संचालिका अनीता राज मेघवाल को गिरफ्तार किया. वहीं अन्य की तलाश जारी है, प्रारंभिक तौर पर बालिकाओं से देहशोषण की पुष्टि नहीं हुई है.


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बंद करवाया संस्थान


कलेक्टर निशांत जैन ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए बाल कल्याण समिति की टीम और एसडीएम आहोर,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और बाल अधिकारिता के अधिकारियों को मौके पर भेजा ,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नैन सिंह शंखवाली सहित अधिकारी पहुंचे मौके पर बालिकाओं के परिजनों को दूरभाष पर सूचित किया. देर शाम तक सभी आवासित बालिकाओं को उनके परिजनों को सुपुर्द किया, बालिकाओं का परिवारिक पुनर्वास करते समय बाल कल्याण समिति ने उनके परिजनों की भी काउंसलिंग की. बाद में संस्थान को बंद कर दिया गया.


Reporter- Dungarpur Singh


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