जालोर के भीनमाल में ऐसा क्या है कि बाबा रामदेव ने कहा यहां के लोगों से सिखने को है बहुत कुछ
Baba Ramdev : जालोर के भीनमाल को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यहां के लोगों से सिखने के लिए बहुत कुछ है. नीलकंठ महादेव मंदिर की प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने आए रामदेव ने कहा कि विश्व में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना है तो भीनमाल के लोगों से बहुत कुछ सीखना होगा.
Baba Ramdev : जालोर के भीनमाल को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यहां के लोगों से सिखने के लिए बहुत कुछ है. नीलकंठ महादेव मंदिर की प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने आए रामदेव ने कहा कि विश्व में भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाना है तो भीनमाल के लोगों से बहुत कुछ सीखना होगा. उन्होंने कहा कि भीनमाल के लोगों ने विश्वभर में नए कीर्तिमान स्थापित किए है. रामदेव ने यहां 72 जिनालय समेत विभिन्न स्थानों का भ्रमण किया. रात्रि विश्राम के बाद सुबह योग प्राणायाम किया. शुक्रवार सुबह वापस रवाना हुए.
स्वामी रामदेव ने कहा कि भीनमाल बहुत ही संस्कृतिक और ऐतिहासिक नगरी है. कवि माघ की धरती है, नागभट्ट जिसका साम्राज्य हजारों किलोमीटर तक फैला था, जिसकी राजधानी भीनमाल रही है. उन्होंने कहा कि अब भीनमाल में दो बड़े प्रतिष्ठान हो गए हैं. एक जिनालय और एक शिवालय. भीनमाल के लोगों ने पूरे देश में जो समृद्धि के नए कीर्तिमान स्थापित किये है, वो अन्य के लिए प्रेरणास्रोत है. .
गौरतलब है कि हिन्दू धर्म की धार्मिक कथाओं में भीनमाल का उल्लेख मिलता है कहा जाता है कि भगवान् विष्णु की पत्नी एवं धन की देवी मां लक्ष्मी द्वारा भीनमाल की स्थापना की गई थी. जैन साहित्य के अनुसार श्री स्वयंप्रभ सूरिजी ने यहां जयसेन को शासक माना हैं. जो एक जैन धर्म का अनुयायी था. भीनमाल शहर में कई ऐतिहासिक जैन व हिन्दू धर्म के मंदिर हैं. यहां आशापुरी माता का मंदिर मोदरान में है जो भीनमाल शहर से 28 किमी दूरी पर स्थित हैं. संस्कृत साहित्य में भीनमाल को श्रीमाल कहा जाता था.
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