Jalore: राज्य सरकार एवं जिला कलेक्टर के निर्देशन में जिले में कुपोषण एवं एनीमिया की दर को कम करने के लिए मिशन सुरक्षा चक्र कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं. जिसके तहत जिले में 5 वर्ष तक के बच्चों का सर्वे आंगनवाड़ी केंद्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है.


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5 से 19 वर्ष तक मेल फीमेल बच्चों की स्क्रीनिंग आशा कार्मिकों द्वारा घर-घर जाकर की जा रही है. जिले भर के स्वास्थ्य केंद्रों पर एनीमिया की रोकथाम के लिए जांच कर बालिकाओं,गर्भवती माताओं को आईएफए टैबलेट देकर उपचार किया जा रहा है.


आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा वर्कर्स द्वारा सर्वे के दौरान एनीमिया के लक्षण पाए जाने वाले बच्चों की एएनएम द्वारा हीमोग्लोबिन जांच की जा रही हैं. जिसमें एनीमिया की पुष्टि होने पर बच्चों को आईएफए टैबलेट एवं सिरप देकर उपचार किया जा रहा है.


इसके अतिरिक्त 19 साल से ऊपर सभी महिलाओं का सर्वे किया जाएगा. इनमें भी एनीमिया के लक्षण पाए जाने पर उनकी जांच कर इलाज किया जाएगा. जिला आशा समन्वयक रमेश पन्नू ने बताया कि अब तक जिले में 1 लाख से अधिक लोगों की सर्वे द्वारा स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जिसमें लक्षणों के आधार पर 3200 से अधिक एनीमिया के लक्षण पाए गये हैं तथा 50 हजार से अधिक लोगों की हीमोग्लोबिन की जांच की जा चुकी है. इसमें 3500 से अधिक लोगों का हीमोग्लोबिन 11 ग्राम से कम पाया गया है.


Reporter-Dungar Singh


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