Jalore news:  खबर चितलवना उपखण्ड के सेसावा गांव की हैं .जहां बिपरजॉय चक्रवात तो गुजर गया लेकिन तबाही का मंजर देखिए. सेसावा में बिपरजॉय चक्रवात से हुई भारी बारिश से यह गांव टापू बन गया है. आपातकालीन हवाई पट्टी व नर्मदा नहर से पूरा पानी खेतो में भर गया. लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, न तो घर से बाहर निकल सकते है और न ही घर मे रह सकते है. लोगों के घरों के चूल्हों तक पानी पहुंच गया. बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं. पशुओं को पानी में ही बांधना पड़ता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सेसावा निवासी जगदीश कड़वासरा ने बताया कि सेसावा में 70-80 घरों में पानी भर गया  है.  घर के चारो तरफ पानी है घरों की दीवारों में दरारें आ गयी है पानी निकासी का कोई उपाय नहीं है लोगों के चूल्हों तक पानी आ गया है और खड़े-खड़े खाना बनाना पड़ता है. 


घर के चारों तरफ पानी को देखते हुए ज़ी मीडिया की टीम उनके घर पहुंची तो महिला कमला देवी माली ने बताया कि मकानों के अंदर पानी है पशु भी पानी मे बैठे है बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है यहां तक कि टॉयलेट-बाथरूम भी पानी से भर गए हैं ज्यादा पानी होने से घर को छोड़कर जाने का मन बना रहे है सभी खेत पानी से भर गए है न तो रहने की जगह है और न ही बुवाई के लिए तीन खेत है,चारों  तरफ पानी भर गया हैं .


ये बी पढ़े-  झगड़े के बाद पत्नी चली पीहर, नहीं सहन कर पाया दुःख तो पति ने उठाया खौफनाक कदम


महिला ने बताया कि यह पानी भारी बारिश के चलते हवाई पट्टी पर इकठ्ठा हुआ पानी आया है.अब कोई सहारा नहीं है.सेसावा गांव में बने नर्मदा नहर का जीएसएस भी पानी मे डूब गया है जीएसएस के चारो तरफ पानी है और यहां कई घरों की आबादी निवास करती है.  उनके आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है. बताया जा रहा है कि सेसावा में बनी 3 किलोमीटर लंबी व 33 मीटर चोड़ी आपातकालीन हवाई पट्टी से पानी भराव हुआ है इतने लंबे क्षेत्रफल में तेज बारिश से पानी एकत्रित होकर सीधा किसानों के खेतों तक पहुंचा और खेत व घर लबालब बन गए.


अब यह गांव टापू बना हुआ है.वहीं बिपरजॉय चक्रवात से पूरे उपखण्ड क्षेत्र में अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए है कई बिजली के पोल गिर गए है कई गांवों में अभी तक बिजली सप्लाई सुचारु नहीं हुई है तेज बारिश व बाढ़ से कई सड़क व रास्ते बंद हो गए है जो अभी तक चालू नहीं हुए है. कई लोगों के कच्चे घर टूट गए है फिलहाल प्रशासन स्थिति को सामान्य करने में जुटा हुआ है.