Jalore News: जालोर ज़िले के भीनमाल में खबर का असर देखने को मिला है.दरअसल अधिकारियों की लापरवाही से कल एक सांड के हमले से बुजुर्ग मोहनलाला दर्जी को अपनी जान गंवानी पड़ी.ऐसे में शहर में बिगड़े इस सिस्टम से लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है.जिसके बाद मीडिया ने पालिका के अधिकारियों की लापरवाही से यमदूत बने सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं के हमले से लोगों की जाने जा रही है.खबर की प्रमुखता से चलाया था.


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खबर चलने के बाद लापरवाह अधिकारी हरकत में आये और रात में पालिका कर्मचारियों ने अलग-अलग टीमें बनाई.शहर के विभिन्न मोहल्ले से आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान शुरू किया.करीब 2-3 घंटे तक सफ़ाई कर्मचारियों ने क़रीब 300 पशुओं को पकड़ कर एक जगह लाकर स्कूल में एकत्रित कर बंद कर दिया.इसके अलावा और भी जगह घूम रहे पशुओं को पकडा जाएगा.


जिसके बाद पकड़े गये पशुओं यहां से पकड़ कर माघ चौक के पीछे पालिका द्वारा जो बड़ी भूमि ली गई है.यहां पर इन पशुओं को रखा जाएगा.


आपको बतादें कि गत एक-दो साल से शहर में नगर पालिका की लापरवाही के चलते पूरी व्यवस्था बिगड़ी हुई है.लोग कार्यालय के हर रोज चक्कर काटते हैं.लेकिन अधिकारी आज-कल में व्यवस्था सुधार का आश्वासन देकर वापस लौटा देते हैं.नतीजतन लोगों को हादसे में जान गंवाकर तो हाथ-पैर तुड़वाकर बेड रेस्ट होना पड़ रहा है. प्रशासन व नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी कार्यालय छोड़कर बाहर ही नहीं निकल रहे हैं.


ऐसे में व्यवस्था सुधार की उम्मीद करना बेमानी है. लेकिन जब एक बुजुर्ग की सांड के हमले से मौत हो गई तो पालिका प्रशासन हरकत में आया. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी उठाता है की किसी इंसान की मौत होने के बाद ही लापरवाह अधिकारियों की नींद खुलती है. तो कुर्सी पर बैठे अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारी आख़िर कब समझेंगे. और शहर में बिगड़ें इस सिस्टम में आख़िर कब सुधार होगा.


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