Jalore news : जालोर जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को जिला परिषद सभागर में गांधी सप्ताह के अंतर्गत गांधी अतीत ही नहीं, भविष्य भी हैं  विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ. सेमिनार में अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि हम सबको गांधीजी के जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारकर गांधी को अपने अंदर जीवित रखना होगा.


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जिला अहिंसा प्रकोष्ठ के संयोजक नैनसिंह राजपुरोहित ने कहा कि गांधी के जीवन मूल्यों को विद्यार्थियों को रूबरू करवाने के लिए जिले के प्रत्येक विद्यालय को गांधी साहित्य उपलब्ध करवाया जाएं. पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल ने कहा कि वर्तमान युग में गांधी के विचारों को आत्मसात् करने की आवश्यकता जताई.


कॉलेज प्राध्यापक डॉ. वगताराम चौधरी ने गांधीजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गांधी ना केवल व्यक्ति थे बल्कि एक विचार भी थे. डाइट प्राचार्य भैराराम चौधरी ने आजादी के आंदोलन में गांधीजी की अहिंसा और सत्य पर प्रकाश डाला.


समसा के सहायक निदेशक शान्तिलाल दवे ने वर्तमान राजनीति में धरना प्रदर्शन और अहिंसक आंदोलन को गांधीजी की देन बताया. सेवानिवृत व्याख्याता ओमप्रकाश खण्डेलवाल ने चौरी-चौरा काण्ड सहित अहिंसक आंदोलनों पर विस्तार से प्रकाश डाला. जिला अहिंसा प्रकोष्ठ के सदस्य लक्ष्मणसिंह सांखला- बंशीलाल ने वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था को गांधी दर्शन का महत्व बताया.


कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) मा.शि. चुन्नीलाल परिहार ने सेमिनार की प्रस्तावना बताई. कार्यक्रम प्रभारी खीमसिंह राठौड़ ने अतिथियों व श्रोताओं का आभार ज्ञापित किया. कार्यक्रम का संचालन राउमावि सामतीपुरा के व्याख्याता नरपत आर्य ने किया.


इस अवसर पर सवाराम पटेल, कोषाधिकारी हमीराराम मेघवाल, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक श्रीराम गोदारा, पेंशनर समाज के अध्यक्ष धनराज दवे, प्रधानाचार्य अर्चना, सरदार सिंह चारण, मनीष ठाकुर, बद्रीदास रामावत, जयनारायण, मिश्रीमल गहलोत, आरिफ खोखर, राजेन्द्र सिंह, झालाराम, गोपाल ग्वार सहित जालोर शहर के विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे.


रिपोर्टर- डुंगरसिंह राठौड़



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