Jalore: जालोर में आरक्षण की मांग को लेकर माली समाज ने ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि माली सैनी, कुच्छवाह, शाक्य, मौर्य, सुमन जाति को 12 प्रतिशत विशेष आरक्षण जनसंख्या के अनुपात मे देने की बात कही. राजस्थान राज्य में निवासरत माली,सैनी,कुच्छवाह,शाक्य,मौर्य, सुमन जाति के लोग का समाज एक अति पिछड़ा एवं मेहनतकश वर्ग है,जिसका शैक्षणिक,आर्थिक एवं सामाजिक जीवन स्तर का विकास ठीक से नही हो पाया हैं.


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आरक्षण के माध्यम से समाज को उचित प्रतिनिधित्व,जिसका माली समाज अपनी जनसंख्या के आधार पर हकदार था,वह नहीं मिल पाया है. जिस कारण देश आजाद होने के 75 वर्षों के बाद भी आज सर्वागिण विकास से काफी दूर है व अछूता हैं.


12 प्रतिशत आरक्षण की यह मांग लेकर राजस्थान के पूर्वी के समाज ने एक बड़ा आंदोलन चला रखा हैं,जिसके एक स्वजाति बंधु मोहनसिंह सेनी ने समाज की वाजिब मांगों को नहीं मानने के कारण अपने प्राणों को शहादत दी हैं.


जिसको लेकर जालोर जिले के माली,सैनी,कच्छवाह,शाक्य,मौर्य,सुमन जाति के लोग एक स्वर में मांग करते हैं कि यथा शीघ्र 12 प्रतिशत आरक्षण के मांग के हक में उचित कार्यवाही कर समाज को लाभान्वित करवाने की बात ज्ञापन में कही.


 साथ ही प्रशासन द्वारा समाज के बन्धुओं पर अविलम्ब आंदोलन के दौरान दर्ज किये गये समस्त मुकदमों को वापस लिया जावें तथा मृतक मोहनसिंह सैनी को शहीद का दर्जा दिया जाकर परिवारजनों को सरकारी सेवा में नौकरी देने की मांग की.


वही ज्ञापन में बताया कि समय रहते सरकार अगर हमारी मांगे नहीं मानती है तो मजबूरन होकर माली समाज को आन्दोलन करना पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी व जबाबदारी सरकार की रहेगी.


ज्ञापन सौंपते दौरान जेठा राम गहलोत,तेजा राम सोलंकी,शोभा सुंदेशा,ममता माली,अम्बा लाल माली,तरुण गहलोत,नितिन सोलंकी,जवाना राम परिहार,रवि सोंलकी,अनिलगहलोत,अंबालाल माली,सुरेश सोलंकी,दिलीप सोलंकी सहित काफी संख्या में माली समाज की महिलाएं एवम पुरुष मौजूद रहे.


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