Jalore News: राजस्थान की धरती पर कई ऐसे वीरों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा की रक्षा के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया है. आज हम भी आपको एक ऐसी ही बलिदानी महिला का के बारे में बताने जा रहे हैं जो मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने ही पति को देशद्रोह और गद्दारी करने पर दंड देने से नहीं चूकीं. उन्होंने अपने ही पति का सिर धड़ से अलग कर दिया था. जी हां, आप सही पढ़ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं राजस्थान की हीरादे की, जिनके बलिदान के किस्से राजस्थान के इतिहास के पन्नों पर आज भी मौजूद हैं.  


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कौन थी वीरव्रती हीरादे? 
हीरादे 13वीं सदी की एक ऐसी महिला थी, जिसने मातृभूमि की रक्षा के लिए सबसे बड़ा त्याग किया था. हीरादे ने अपने ही पति का सिर कलम कर दिया था. दरअसल, हीरादे के लालची और कपटी पति ने जालौर किले के कई राज खिलजी को दे दिए थे, जिसके बाद का खिलजी ने उसे बेशुमार धन से मालामाल कर दिया. लेकिन हीरादे को ये सब कुछ बिल्कुल पसंद नहीं आया. ऐसे में महान हीरादे ने एक देशद्रोही की पत्नी कहलाने से अच्छा विधवा होना चुना और अपने पति का सिर कलम कर उस काल के शासक कान्हड़देव के पास ले गई. हीरादे के इस कदम से कान्हड़ देव काफी प्रभावित हुए. इसके बाद कान्हड़ देव अल्लाउद्दीन की सेना से निर्णायक युद्द करने के लिए चल पड़े. 


इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में लिखा है वीरव्रती हीरादे का नाम 
इतिहासकार प्रमोद चौहान बताते हैं कि हीरादे राजस्थान की एकमात्र ऐसी वीर क्षत्राणी थीं, जिन्होंने राष्ट्र प्रेम को अपने पति वीका दहिया से भी ऊपर रखा. उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने ही पति की जान ले ली. उन्होंने लिखा है कि हीरादे का यह बलिदान नारी शक्ति को राष्ट्रीय भक्ति के हित में जागृत करती रही है.


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