पानी की टंकी-दलित छात्र की मौत, कैसे गरमाई सियासत, पढ़ें जालोर से ग्राउंड रिपोर्ट
एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए. मामले को उदयपुर की कन्हैया लाल घटना से जोड़ते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने और परिजन को 50 लाख सरकारी नौकरी की मांग की.
Jalore: जिले के सुराणा के निजी स्कूल में तीसरी में पढ़ने वाले 9 वर्षीय बालक इंद्रकुमार मेघवाल की हाल ही में मृत्यु हो गई थी, इसमें परिजनों ने आरोप लगाया था कि इंद्र ने मटकी से पानी क्या पी लिया, शिक्षक छैल सिंह ने भेदभाव करते हुए उसकी पिटाई कर दी.
इसके बाद उसकी तबियत बिगड़ती गई और 23 दिन बाद बच्चे की अहमदाबाद में उपचार के दौरान मौत हो गई. इस बात में सच्चाई कितनी है, यह तो पुलिस की जांच का विषय है लेकिन जब ZEE Media ने स्कूल का निरीक्षण किया तो पता चला कि यहां पानी के लिए मटकी की व्यवस्था भी नहीं है. स्कूल परिसर में एक टंकी बनी हुई है, जिससे सभी बच्चे और शिक्षक पानी पीते हैं. दूसरी ओर इस मामले को राजनीतिक तूल देने के इनपुट भी सामने आए हैं.
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दरअसल इस घटना को जानकारी मिलते ही हरियाणा, गुजरात समेत आसपास जिलों के युवा भी सुराणा पहुंच गए, उनका मकसद छात्र की बॉडी लेकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का था, लेकिन पुलिस ने सूझबूझ से काम करते हुए शव को सीधे घर पहुंचा दिया. इससे प्रदर्शन करने वाले आक्रोशित हो गए और प्रकरण को उदयपुर के कन्हैयालाल के मामले से जोड़ते हुए आरोपी शिक्षक को फांसी देने की मांग करने लगे. यही वजह रही 14 अगस्त को दिनभर वार्ता चलने के बाद शाम को बाहरी व्यक्तियों द्वारा बच्चे के शव को जबरदस्ती लेकर जिला मुख्यालय पर ले जाकर प्रदर्शन करने की मांग करने लगे, जिससे माहौल गरमा गया. पुलिस द्वारा हल्का हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश की गई. जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा परिजनों से समझाइश कर देर शाम तक शव का अंतिम संस्कार किया गया.
मामले में राजनीतिक तूल पकड़ते हुए कल 15 अगस्त को कई मंत्रियों का सुराणा गांव का दौरा रहा, जिसमें एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा सामाजिक न्याय मंत्री टीकाराम जूली, श्रम मंत्री सुखराम बिश्नोई, युवा बोर्ड के चेयरमैन पवन गोदारा, अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर विधायक और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने गांव का दौरा कर परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और ढांढस बंधाया. सरकार से मिलने वाली हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया.
खिलाड़ी लाल बैरवा ने अपनी ही सरकार को घेरा
एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए. मामले को उदयपुर की कन्हैया लाल घटना से जोड़ते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने और परिजन को 50 लाख सरकारी नौकरी की मांग की. उन्होंने बताया कि महज 5 लाख देकर सरकार इस मामले को इतिश्री की है जबकि उदयपुर की घटना और इस घटना में मुआवजे को लेकर सरकार भेदभाव कर रही है.
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मारपीट की पुष्टि नहीं हो पाई
पुलिस की अब तक की की गई जांच में अनुसार निजी विद्यालय में किसी भी प्रकार से मटकी से पानी पीने की बात को लेकर मारपीट की पुष्टि नहीं हो पाई है. वहीं, गांव में शिक्षक के परिजनों और ग्रामीणों ने शिक्षक के ऊपर लगाए गए आरोप पर राजनीति दबाव की बात कह रही है. जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है.
Reporter- Dungar Singh
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