Sanchore: जालोर जिले के सांचोर में शिक्षा निदेशालय की ओर से शैक्षिक सम्मेलन की तारीख में अचानक किए बदलाव के बाद शिक्षक संघ ने काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है क्योंकि शिविर पंचांग के अनुसार, जिला शैक्षिक सम्मेलन की तारीख 23 और 24 सितंबर आयोजित होना था. 


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ऐसे में बिना किसी कारण के निर्धारित तिथि से एक दिन पहले तुगलकी फरमान जारी करने से शिक्षकों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवदत्त आर्य और जिला संयोजक दलपतसिंह आर्य ने शैक्षिक सम्मेलन को स्थगित करना तुगलकी फरमान बताया है. 


उन्होंने मामले में सीएम के नाम कलेक्टर निशांत जैन को ज्ञापन सौंपा, जिसमें शैक्षिक सम्मेलन स्थगित करने के निर्णय का विरोध किया है. वहीं, राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के जिलाध्यक्ष मनोहरदान चारण ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा जारी शिविर पंचांग के अनुसार, जिला शैक्षिक सम्मेलनों की तारीख 23 और 24 सितंबर निर्धारित की गई थी. 


इसके अनुसार, सभी शिक्षक संगठनों द्वारा जिला शैक्षिक सम्मेलनों की तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन बिना किसी कारण के निर्धारित तिथि से मात्र एक दिन पहले आदेश जारी करते हुए शिक्षा निदेशक ने निर्धारित तिथियां में संशोधन कर 27 और 28 सितंबर कर दी गई, जिससे शिक्षक समाज में भारी आक्रोश है. उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई थी. 


सम्मेलन स्थलों की बुकिंग, बसों की बुकिंग, पंपलेट, पोस्टर, बैनर, भोजन के लिए हलवाई की बुकिंग, दूर से आने वाले वक्ता के लिए रेल की टिकट बुकिंग की गई थी, लेकिन सरकार ने बिना किसी वजह के सम्मेलनों को स्थगित कर शिक्षकों के साथ मजाक करते हुए शिविर पंचांग का मखौल उड़ाया है. पिछले 15 दिन से रात-दिन सम्मेलन की तैयारी में लगे हुआ थे और ऐसे में अब सम्मेलन को स्थगित कर दिया जिसके कारण शिक्षकों में काफी आक्रोश व्याप्त है.


Reporter- Dungar Singh


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