Jhalawar News: राजस्थान में झालावाड़ के राजकीय न्यू ब्लॉक स्कूल के खेल मैदान में हो रहे अतिक्रमण को लेकर एबीवीपी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने मिनी सचिवालय पहुंचकर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, लेकिन इस दौरान जिला प्रशासन का विरोध करना छात्रों को मंहगा पड़ गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 



जैसे ही छात्र संगठन के कार्यकर्ता जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे. जिला कलेक्टर उन्हें देखकर भड़क उठे. जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने छात्रों द्वारा प्रशासन के विरोध में की जा रही नारेबाजी पर नाराजगी जाहिर की. डीएम अजय सिंह राठौड़ ने ज्ञापन देने पहुंचे छात्रों को कार्यालय के बाहर प्रशासन के खिलाफ की गई नारेबाजी पर नाराजगी जताते हुए ज्ञापन देने पहुंचे छात्रों को फटकार लगा दी.


 



इधर जिला कलेक्टर का रवैया देखकर ABVP कार्यकर्ता भी सदमें में आ गए. यही नहीं इस दौरान कलेक्टर ने चैंबर में खड़े गार्ड को भी वार्निंग देते हुए जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने वालों को गेट पर खड़ा नहीं रखने के निर्देश दे डाले.


 



इधर छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर के रवैया को शर्मनाक बताते हुए प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए 7 दिन का अल्टीमेटम दे दिया है. हालांकि इधर जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ ने कहा कि एबीवीपी के छात्रों द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी की जा रही थी. नारेबाजी सड़कों पर की जाती है, उसके लिए परिसर उपयुक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि छात्रों का व्यवहार अनुचित था. छात्रों की समस्याओं को सुनने के लिए वह खुद उनके बीच पहुंचे थे.


 



एबीवीपी के प्रांत संयोजक योगेंद्र नागर ने बताया कि लोकतंत्र में सभी को विरोध करने का अधिकार है. प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर छात्र अपना विरोध जताने के लिए जिला कलेक्टर के कार्यालय पर पहुंचे थे, लेकिन जिला कलेक्टर ने ज्ञापन देने पहुंचे कार्यकर्ताओं के साथ अभद्रता की.


 



दरअसल राजकीय न्यू ब्लॉक स्कूल के खेल मैदान पर कई वर्षों से अतिक्रमियों का कब्जा है. ऐसे में कई बार छात्र संगठन अतिक्रमण को ध्वस्त करने के लिए शिक्षा विभाग तथा जिला कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं. बावजूद इसके प्रशासन के द्वारा अतिक्रमियों पर अधूरी कार्रवाई कर उन्हें फिर से अतिक्रमण करने का मौका दिया गया.


 



इधर छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन को सात दिवस की अवधि में खेल मैदान पर हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया है. पदाधिकारी ने कहा कि यदि जिला प्रशासन के द्वारा सात दिवस के अंदर अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, तो छात्र खुद खेल मैदान पर हो रहे अतिक्रमण को हटाएंगे.