Jhalawar: संत पीपा जयंती महोत्सव पर शहर में निकली शोभायात्रा, झूमते दिखे साधु-संत
Jhalawar News: झालावाड़ में पीपाजी जयंती महोत्सव के दौरान मंगलवार को पीपाजी का जन्मोत्सव भक्तमाल पाठ पूजा और अर्चना के साथ प्रारंभ हुआ। इसके बाद, पीपाजी की जन्मोत्सव की बधाईयां दी गईं। बधाई गीतों में `चलो-चलो भक्तों पीपाधाम, झूमते नाचते गाते हैं, आज आये हैं पीपाजी महाराज.
Jhalawar News: झालावाड़ में पीपाजी जयंती महोत्सव के दौरान मंगलवार को पीपाजी का जन्मोत्सव भक्तमाल पाठ पूजा और अर्चना के साथ प्रारंभ हुआ. इसके बाद, पीपाजी की जन्मोत्सव की बधाईयां दी गईं. बधाई गीतों में "चलो-चलो भक्तों पीपाधाम, झूमते नाचते गाते हैं, आज आये हैं पीपाजी महाराज..." और "लाला जन्म सुनी आयो, रानी मैया दे दो बधाई..." जैसे कई बधाई गीतों का आनंद लिया गया.
सोमवार की रात को रासलीला में पीपा प्रताप जी ने काशी श्री पंच गंगा घाट पर जगद्गुरु श्री रामानंदाचार्य के शरण में राजपथ छोड़कर श्री पीपाजी भगवतं चिंतन, भगवत स्मरण और भगवान की भक्ति में लीन हो गए. उन्होंने गुरुदेव की आज्ञा के अनुसार एक वर्ष की अवधि प्रदान की, और फिर अपने जन्मस्थान को गए. इसके बाद, वहां संत सेवा, ब्राह्मण सेवा, और गौ सेवा का कार्य करने लगे. रासलीला में कई प्रसंग बताए गए. रासलीला के अंत में आरती की गई.
संत शिरोमणि पीपाजी महाराज की जयंती के अवसर पर मंगलवार को भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो झिरी के महादेव से श्री पीपाजी धाम के संत झंकारेश्वर त्यागीजी महाराज के साथ आयोजित हुई. साधु-संतों ने विधिवत् आराधना की, और शोभायात्रा में भजन-कीर्तन के साथ नाचते-गाते भक्तों के साथ शामिल हुए. पीपाजी महाराज की सुंदर झांकियों के साथ अनेक झांकियां शोभायात्रा में समाहित रहीं.
शोभायात्रा पुराने स्टेट बैंक के सामने से होकर पीपाधाम पहुंची, जहां पुष्प वर्षा की गई और भक्तों को ठंडा पानी वितरित किया गया. झालावाड़ शहर के भक्तों ने और अन्य जिलों से आए भक्तों ने भी इस शोभायात्रा में भाग लिया और इसका आनंद लिया. शोभायात्रा के लिए केसरिया तोरण भी बनाया गया, और बाहर से आए संतों का स्वागत किया गया. शोभायात्रा के पहुंचने पर प्रसाद बांटा गया, और आराती की गई. इसके बाद, भक्तों को विशाल भोजन का प्रसाद दिया गया.