Jhalawar News: झालावाड़ जिला मुख्यालय सहित जिले भर में इन दिनों बारिश का दौर जारी है. जिले के सभी नदी नाले उफान पर चल रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के कई मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं. प्रशासन द्वारा तेज बहाव वाली नदियों के किनारो पर जवानों को भी तैनात किया गया है, लेकिन बावजूद इसके क्षेत्र के राहगीर ग्रामीण तेज बहाव के बीच नदी की पुलियाओं और रपट को पार करते नजर आ रहे हैं.


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उफनती नदी को पैदल पार कर रहे ग्रामीण 
कुछ ऐसा ही एक नजारा दिखा झालावाड़ जिले के गंगधार उपखंड क्षेत्र के चाचूर्णी नदी की रपट पर, जहां पुलिया पर करीब 1 फीट से अधिक पानी का बहाव होने के बावजूद स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को लेकर तेज बहाव के बीच पुलिया को पार करते दिखाई दिए. लापरवाही ऐसी कि किसी की भी जान एक पल में जोखिम में आ जाए. 


लापरवाही न बन जाए मौत का कारण 
इसी दौरान वहां से मवेशियों को लेकर पुलिया पार करवा रहे किसान का एक मवेशी भी देखते ही देखते नदी के तेज बहाव में बह गया. पानी का तेज बहाव इसका सबूत भी दे रहा था, लेकिन बावजूद इसके स्थानीय ग्रामीण और राहगीर आखिर क्यों जानलेवा जोखिम उठा कर इन पुलियाओं को पार कर रहे हैं, इसका जवाब किसी के पास नहीं.

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हालांकि पुलिस प्रशासन का कहना है कि उफनती नदियों के किनारे पुलिस जवानों को भी तैनात किया गया है, लेकिन चाचूर्णी नदी किनारे कहीं भी कोई पुलिस का जवान नजर नहीं आया. ऐसे में जब कोई रोकने और टोकने वाला ही नहीं है, तो ग्रामीण भी लापरवाही से क्यों परहेज करने लगे, चाहे कोई हादसा ही क्यों ना हो जाए.


गौरतलब है कि झालावाड़ जिले में हो रही बारिश के दौरान कई हादसे भी सामने पेश आ चुके हैं. करीब एक पखवाड़े पूर्व भी झालावाड़ के गागरोन पुलिया पर तेज बहाव के दौरान बाइक से नदी पार कर रहे एक महिला सहित तीन लोग पानी में बह गए थे और उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी. कल शनिवार शाम को भी आवर कस्बे के समीप एक बस चालक ने लापरवाही दिखाते हुए उफनती नदी की पुलिया पर यात्री बस उतर दी थी, लेकिन बीच नदी में जाकर बस बंद हो गई थी. हालांकि मौके पर खड़े ग्रामीणों ने किसी तरह ट्रैक्टर से बांधकर बस और यात्रियों को जोखिम से बाहर निकाला था. हादसों के कई मामले सामने आ जाने के बावजूद भी राहगीर और ग्रामीण है कि लापरवाही से बाज नही. आ रहे.