Surajgarh: राजस्थान के झुंझुनूं की सूरजगढ़ पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. खुद पुलिस द्वारा ही कानून की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है. घर से गायब हुए बच्चे को तीन दिन से पुलिस ने बिना बाल कल्याण समिति के आदेशों के परिजनों को सौंप रखा है, जो कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ रहा है. 


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जानकारी के मुताबिक सूरजगढ़ कस्बे से एक 14 वर्षीय बच्चा 27 जुलाई को अचानक गायब हो गया. परिजनों ने बच्चे की गुमशुदगी थाने में दर्ज करवा दी है. इसी दरमियान 29 जुलाई को शाम 7 बजे बच्चा परिजनों को मिल गया तो परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और सुबह थाने आने को बोलकर टरका दिया. इसके बाद जब परिजन दूसरे दिन 30 जुलाई को थाने पहुंचे तो कुछ आईडी वगैरह मंगवाई और वापिस भेज दिया. इससे अगले दिन 31 जुलाई को फिर से परिजन थाने पहुंचे तो भी यह कहते हुए वापिस भेज दिया कि आज संडे है, सोमवार को आना झुंझुनूं कोर्ट में चलेंगे. 


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इस मामले में थाने के हैड कांस्टेबल हरिसिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अर्चना चौधरी ने उन्हें कहा कि आज संडे है. परेशान होंगे कल, यानि कि सोमवार को ही कार्यालय में ले आना जबकि कानून यह कहता है कि बच्चा जब भी मिले किसी भी समय मिले, उसी समय बाल कल्याण समिति के सामने पेश करना होगा. 


बच्चे के लिए आगामी निर्णय बाल कल्याण समिति को लेना होता है, फिर भी सूरजगढ़ पुलिस ने बच्चे को बाल कल्याण समिति के सामने पेश नहीं किया, यही नहीं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष को भी जब मामले की जानकारी मिल गई, तो उन्होंने भी इस मामले में संज्ञान नहीं लिया, जिससे बड़ी लापरवाही सामने आ रही है.


सवाल, जो जवाब मांगते है-
- तीन दिन तक बच्चे को परिजनों को सूरजगढ़ पुलिस ने किसके आदेश पर सौंप दिया
- बाल कल्याण समिति क्या शनिवार और रविवार को अवकाश के कारण काम नहीं करती
- बाल कल्याण समिति अध्यक्ष के मामला संज्ञान में आने के बाद भी उन्होंने कदम क्यों नहीं उठाया
- क्या पुलिस बिना बाल कल्याण समिति के आदेशों के बच्चे को परिजनों को सौंप सकती है


Reporter: Sandeep Kedia


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