CBSE 12th Result 2023: झुंझुनूं के पिलानी कस्बे की राजगढ़ रोड गणेश कॉलोनी में रहने वाले नर्सिंग व गर्ल्स कॉलेज संचालक महेंद्र व सुमन चौधरी की लाडली बेटी मुस्कान ने कमाल कर दिखाया है. सीबीएसई 12वीं के विज्ञान वर्ग में मुस्कान ने 500 में से 494 अंक, यानि कि 98.80 प्रतिशत अंक प्राप्त कर झुंझुनूं जिले को टॉप किया है.


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बचपन से पढाई में अव्वल रहने वाली मुस्कान ने कभी भी किताबों को अपने उपर हावी नहीं होने दिया. बल्कि हर किताब के हर एक टॉपिक को जब तक वह समझ नहीं जाती और सुलझाकर अपने दिमाग में फिट नहीं कर लेती. तब तक वह सोती नहीं. टॉप करने वाली मुस्कान ने बातचीत करते हुए अपनी स्टडी को साझा किया.


मुस्कान ने बताया कि वह स्कूल समय के बाद औसतन छह से सात घंटे पढ़ती थी. लेकिन कभी टाइम बाउंड पढाई नहीं की. बल्कि टॉपिक बाउंट टारगेट लेकर ही पढ़ाई की. जिस दिन जिस टॉपिक को पूरा करना होता. उसके लिए रात को दो-दो बजे तक भी जगी है, लेकिन टॉपिक को पूरा करके ही नींद ली है.


 इसमें उसकी मम्मी सुमन चौधरी ने भी साथ जगकर साथ दिया है. शुक्रवार को जब परिणाम घोषित हुआ. तब परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं था. हालांकि इस खुशी के वक्त उनके पिता महेंद्र चौधरी किसी निजी काम से बाहर गए थे.


लेकिन मम्मी सुमन चौधरी के अलावा छोटी बहन तान्या व भाई केशव ने एक-दूसरे को बधाई दी और मुस्कान की उपलब्धि ने घर में खुशियां ही खुशियां ला दी। मुस्कान भविष्य में इंजीनियरिंग करना चाहती है, जिसके लिए वे लगातार तैयारी भी कर रही है.
मोबाइल नहीं है पास, लेपटॉप से पढ़ाई


मुस्कान ने बताया किया उसने आज तक कभी भी मोबाइल नहीं लिया है. यदि कोई पढाई का मेटेरियल भी आता है तो उसकी मम्मी के मोबाइल पर आता है. जहां से वह यूज कर लेती है. घरवालों ने लेपटॉप दिला रखा है. जिसे वह केवल पढाई में काम लेती है.


सोशल मीडिया के नाम पर कभी कभार किसी टॉपिक को समझने के लिए यू ट्यूब का यूज करती है. इसके अलावा ना तो फेसबुक और इंस्टा पर अकाउंट है और ना ही इन्हें यूज करने में दिलचस्पी रखती है.


फ्रेंड्स के पास है मोबाइल, उनके भी आए अच्छे मार्क्स
स्कूल टाइम में मोबाइल को रखेते हुए यूज के सवाल पर मुस्कान ने बताया कि उसकी कुछ फ्रेंड्स के पास मोबाइल है. लेकिन उनके भी अच्छे मार्क्स आए है. मोबाइल रखना कोई गलत नहीं है. लेकिन उसका गलत और अधिक इस्तेमाल वो गलत है. मोबाइल को साथ रखते हुए और उसको इस्तेमाल करते वक्त हमें अपना फ्यूचर सोचना चाहिए. जो स्कूल टाइम होता है, उस टाइम हमारा फ्यूचर रिल्स आदि में नहीं, बल्कि पढाई में होता है. मुस्कान ने बताया कि उसने आज तक कभी मोबाइल ना तो रखा और ना ही जरूरत हुई. इसकी जरूरत भी हम ही पैदा करते है कोई और नहीं।


म्यूजिक है ब्रेक का साथी, उसमें भी लाई 100 में से 100
मुस्कान ने बताया कि जब पढाई से ब्रेक लेना होता है तो वो नए गाने सुनती है. उसने सब्जेक्ट भी म्यूजिक लिया. जिसमें उसके 100 में से 100 नंबर आए है. मुस्कान को नए गाने सुनना पसंद है. थोड़ी बहुत गिटार भी बजा लेती है. लेकिन एंटरटेनमेंट और ब्रेक के नाम पर म्यूजिक ही उसकी साथी है. जो वह खासकर यू ट्यूब से ही सुनती है. मां बोली, 12 साल से स्कूल नहीं गई, अब मिल गया सबको जवाब


मुस्कान की मां सुमन चौधरी तृतीय श्रेणी की शिक्षिका है, लेकिन वे पिछले 12 सालों से स्कूल नहीं गई है. कारण है बच्चों की पढाई और उनकी देखभाल। सुमन चौधरी ने बताया कि उनका 2007 में सरकारी सेवा में चयन हुआ था. जिसके बाद वह पिलानी से फतेहपुर के पास सदीनसर गांव तक रोजाना बस द्वारा अप डाउन करती थी. करीब चार साल अप डाउन किया.


लेकिन बाद में बच्चों को संभालना जरूरी लगा. उनके पति महेंद्र चौधरी भी एक नर्सिंग कॉलेज और एक पीजी कॉलेज चलाते है. ऐसे में वे भी बाहर रहते थे. इसलिए उन्होंने स्कूल से अवकाश ले लिया. वे पिछले 12 साल से अलग-अलग कारणों के चलते अपने जॉब पर नहीं गई। लेकिन कारण जो भी रहा हो. उनका उद्देश्य बच्चों की सार संभाल कर उन्हें पढाना था.


सुमन चौधरी ने बताया कि कई लोगों ने उन्हें ताने भी दिए कि सरकारी सेवा के साथ ऐसा कोई नहीं कर सकता. सरकारी सेवा बड़ी मुश्किल से मिलती है. लेकिन आज उनकी बड़ी बेटी के परीक्षा परिणाम ने उन सभी को जवाब दे दिया. जो सुमन से सवाल करते थे.