Jhunjhunu: झुंझुनूं में जवाबदेही कानून की मांग को लेकर, 19 सितंबर से जयपुर में धरना
द्वितीय जवाबदेही यात्रा के दूसरे चरण का समापन झुंझुनूं में कार्यक्रम के साथ हुआ है. अब सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से जवाबदेही कानून की मांग को लेकर जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना शुरू किया जाएगा.
Jhunjhunu: झुंझुनूं में सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान कि ओर से फिर से शुरू की गई द्वितीय जवाबदेही यात्रा जिला मुख्यालय पर पहुंची. यात्रा के दौरान झुंझुनूं के मुख्य बाजारों में रैली निकाली गई और लोगों की शिकायतें लिखीं गई. यात्रा की शुरुआत रैली से हुई और फिर यह जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पहुंचकर सभा में बदल गई जहां पर कई लोगों ने इसे संबोधित किया. राजस्थान असंगठित मजदूर यूनियन की पूर्व अध्यक्ष और मजदूरों के मुद्दों पर लंबे समय से संघर्षरत नोरती बाई ने कहा कि जवाबदेही का यह आंदोलन लंबे समय से चल रहा है.
दलित वूमेन फाइट और आगाज फाउंडेशन से जुड़ी सुमन देवठिया ने कहा कि आज भी सबसे शोषित और वंचितों को सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगवाए जाते हैं और उनके काम नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है क्या यही अमृत महोत्सव है? मजदूर किसान शक्ति संगठन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता लाल सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में नागरिकों की बात सुननी पड़ती है, जब लंबे समय से राजस्थान के नागरिक जवाबदेही कानून की मांग कर रहें हैं, नागरिकों की बात सरकार को सुननी होगी और राज्य में यह कानून लाना होगा.
द्वितीय जवाबदेही यात्रा के दूसरे चरण का समापन झुंझुनूं में कार्यक्रम के साथ हुआ है. अब सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से जवाबदेही कानून की मांग को लेकर जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना शुरू किया जाएगा, क्योंकि राज्य विधानसभा का सत्र 19 सितंबर 2022 से शुरू हो रहा है. इसी के साथ धरने की शुरुआत होगी और वह कानून पास नहीं होने तक जारी रहेगा. गांधी चौक से रैली की शुरुआत की गई जो जेपी जानूं स्कूल, जेपी जानू मार्ग, बीडीके अस्पताल, नगर परिषद, जिला परिषद होते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची, जिसमें लोगों ने रैली में जवाबदेही कानून पास करो, सवाल है- सवाल है, जवाब दो- जवाब दो के नारे लगाए. पूरे झुंझुनूं शहर में जवाबदेही यात्रा को लेकर चर्चा हुई और लोगों ने अपना जबरदस्त समर्थन दिया.
जवाबदेही यात्रा से जुड़े स्वयंसेवक अक्षत, सुंदर सिंह, चुकेश, दाताराम, धर्मेंद्र, वंदना आदि ने कानून और जवाबदेही कानून को लेकर पर्चे बांटे. यह आंदोलन लोगों के सहयोग और समर्थन से ही चल रहा है, इसमें लोगों से 2 रुपए से लेकर 100 रुपए तक का सहयोग लिया जा रहा है. रैली के दौरान स्वयंसेवक कनिका कुमारी, शीलू, सुमन, शीतल ने चंदा इकट्ठा किया जो 1946 रुपए था. लोगों का समर्थन ही इस आंदोलन की ताकत है. जवाबदेही यात्रा के शक्ति सिंह, बलवान, नरपत, ठाकुर सोलंकी, रमेश, दाताराम, रेखा आदि ने लोगों की शिकायतें लिखी, जिन्हें अतिरिक्त जिला कलेक्टर के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के उप निदेशक को सौंपा गया और इन्हें जवाबदेही यात्रा के इवेंट में दर्ज कर कार्रवाई शुरू की जाएगी. इस दौरान एडीएम, सीईओ, एक्सईएन जिला परिषद, डीईओ, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे और अभियान की ओर से सुमन देवठिया, धन्नाराम, पारस बंजारा, कमल कुमार, मुकेश निर्वासित, जितेंद्र जोया, आदि ने मुद्दे रखें.
इस दौरान सबसे पहले प्रशासन गांव और शहर के संग प्रकरणों की प्रगति, सिलिकोसिस, पालनहार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, महात्मा गांधी नरेगा में काम और रिजेक्ट पेमेंट, स्कूलों में खेल मैदान और उन पर स्कूल का कब्ज़ा, स्कूलों और अस्पतालों में स्टाफ, शहरी रोज़गार गारंटी योजना, घुमंतुओं के लिए नए कार्यों और पट्टों सहित कई अन्य योजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई. अधिकारियों ने खुले मन से समस्याओं को स्वीकारा और व्यवस्था में सुधार के हर संभव प्रयास करने का आश्वासन भी दिया. एडीएम जेपी गौड़ की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें जिला परिषद, सामाजिक न्याय अधिकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों ने समस्याओं को सुना और सभी शिकायतों पर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया. जवाबदेही यात्रा के द्वितीय चरण का समापन झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम के साथ किया गया. जवाबदेही यात्रा एवं सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से जवाबदेही कानून की मांग को लेकर शहीद स्मारक एमआई रोड पर विधानसभा के सत्र के साथ 19 सितंबर से धरना शुरू किया जाएगा.
क्या है जवाबदेही कानून और क्यों की जा रही है इसकी मांग
पिछले एक दशक से भी अधिक समय से जवाबदेही कानून की मांग राज्य में की जा रही है, गौरतलब है कि सूचना का अधिकार, महात्मा गांधी नरेगा, सामाजिक अंकेक्षण जैसे कानून और प्रयासों के लिए राजस्थान से आंदोलन की शुरुआत हुई और ये कानून बने और पूरे देश में फैले. जवाबदेही कानून आरटीआई पार्ट-2 है, जो पारदर्शिता से जवाबदेही की ओर ले जाएगा. ये कानून राज्य में लोकसेवकों की जनता के प्रति जवाबदेही स्थापित करेगा. 2018 में राजस्थान कांग्रेस कमेटी ने अपने घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वे जवाबदेही कानून लाएंगे, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रामलुभाया के नेतृत्व में कानून का मसौदा बनाए जाने और अपने सिफारिश देने के लिए समिति बनाई, जिसने कानूनी मसौदा जनवरी 2020 में प्रस्तुत कर दिया था. मुख्यमंत्री ने 2022-23 के बजट में पुनः जवाबदेही कानून लाने की घोषणा की है, लेकिन आज दिन तक उस कानून के मसौदे को विधानसभा के पटल पर नहीं रखा गया. जिसे लेकर 33 जिलों में जा रही यात्रा का संयोजन सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान ( एसआर अभियान) कर रहा है, जो लगभग 80 सामाजिक आंदोलनों, अभियानों व संगठनों का सामूहिक मंच है. यह अभियान पिछले 17 वर्षों से जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाता रहा है और उन पर जवाबदेही की मांग करता रहा है. इसी वर्ष 5 जनवरी 2022 को कोविड के मामले बढ़ने की वजह से इस दूसरी जवाबदेही यात्रा को कोटा में स्थगित करना पड़ा था. यात्रा के दौरान अभियान द्वारा लगभग 10 हजार शिकायतों का पंजीकरण किया गया, जिन्हें राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी डाला गया था. इसके बाद जयपुर में 22 दिन का जावाबदेही धरना लगाया गया और सरकार से तुरंत यह क़ानून पारित करने की मांग की गई, ताकि लाखों लोगों के मूलभूत अधिकारों के हो रहें उल्लंघन को रोका जा सके.
इस मौके पर शंकर सिंह, श्यामलाल, वकताराम, ऋचा औदिच्य, चंद्रकला, रणछोड़ देवासी, भंवर मेघवंशी, नरसाराम, लाडूराम, लखमाराम, ताराचंद वर्मा, चेतनराम, रावतराम, मोहनराम, तोलाराम, अनिता सोनी, प्रेम कंवर डांगी, मनीषा, पप्पूराम, नौरतमल, कमल कुमार, पारस बंजारा, विनीत भांबूू, आदेश भाई परेशान, भागचंद, मुकेश निर्वासित, मूलचंद तथा अभियान के अन्य सभी साथी मौजूद रहें.
Reporter: Sandeep Kedia
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