Jhunjhunu: झुंझुनूं जिले में रहने वाले पति- पत्नि के आपसी पारिवारिक विवाद के कारण बेटे को पिता से दूर होना पड़ा था. जिले की एडीजे कोर्ट में मामला दर्ज होने पर कोर्ट ने मां सुमन के पक्ष में फैसला सुनाते हुए, बेटे को मां को सौंप दिया था.  जिसके बाद  पित ने  एसडीएम कोर्ट  में बेटे को की कस्टड़ी वापस लेने की गुहार लगाई था.  मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट राजेश कुमार ने बताया कि, पिछले दिनों एक सर्च वारंट के जारी होने के बाद हरियाणा के रहने वाले  प्रीत कुमार के पास रह रहे, उसके बेटे जतिन को एसडीएम चिड़ावा के समक्ष पेश किया गया था.  इसके बाद एसडीएम ने जतिन की कस्टडी उसकी मां को दे दी थी.


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 बता दें कि, बेटे की कस्टडी के लिए जतिन के पिता ने एडीजे कोर्ट में याचिका लगाई थी.  जिसमें न्यायालय ने एसडीएम के कस्टडी आदेश को गलत मानते हुए इसे कानून के विपरित बताया था और कहा कि एसडीएम का कार्य केवल सर्च वारंट तक सीमित था, लेकिन उन्होंने कस्टडी का आदेश कानून के विपरित जाकर दिया था, जो सही नहीं है. भविष्य में उन्हें ऐसा निर्णय ना करने की बात भी कही. इसके साथ ही शनिवार को फिर से पिता प्रीत कुमार को उसके बेटे की कस्टडी दे दी गई है.


 मामले के अनुसार हरियाणा के खापड़वास झज्जर निवासी प्रीत सिंह का विवाह 25 जनवरी 2015 को बेरला तन सूरजगढ़ की सुमन से हुआ था. लेकिन मनमुटाव ऐसा हुआ कि 2022 में सुमन दहेज प्रताड़ना का केस कर बेटी जिया को लेकर मायके लेकर के आ गई.  जतिन दादा के पास ही रहा. उसकी परवरिश के लिए पिता प्रीत ने भी सेना से वीआरएस ले लिया था. सुमन ने बेटे को पाने के लिए उपखंड मजिस्ट्रेट सूरजगढ़ के यहां सुपुर्दगी याचिका लगाई हुई थी. 


Reporter: Sandeep Kedia


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